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एकता ही हमारी पहचान : इंदिरा गांधी

एकता ही हमारी पहचान : इंदिरा गांधी, एक नारी होकर भी उन्होंने देश को जिस तरह से एकता के सूत्र में पिरोया वह अपने आप में एक अनोखी व अनूठी मिसाल है। (जोधपुर, राजस्थान) से सुनील कुमार माथुर की कलम से…

19 नवम्बर को देश भर में पूर्व प्रधानमंत्री स्व ० इंदिरा गांधी का जन्म दिन एकता दिवस के रुप में मनाया जायेगा । इंदिरा गांधी एक कुशल राजनेता थी । देश की जनता को एकता के सूत्र में बांधकर राष्ट्र को नयी ऊंचाइयों तक पंहुचाया और विश्व भर में भारत का मान सम्मान और गौरव बढाया । यही वजह हैं कि आज न केवल भारत की जनता अपितु समूचा विश्व उनकी कार्यशैली और कार्य करने की क्षमता की सराहना करते नही़ थकता हैं।

एक नारी होकर भी उन्होंने देश को जिस तरह से एकता के सूत्र में पिरोया वह अपने आप में एक अनोखी व अनूठी मिसाल है। जिस तरह से एक नारी अपनी कार्य कुशलता और कार्य क्षमता से बिना उलहाने के अनेक बाधाओं के बावजूद प्रेम , स्नेह , लाड दुलार और अपनी ममता के सहारे गृहस्थी कि गाडी चलाती है , ठीक उसी प्रकार से स्व ० प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश को मजबूती के शिखर पर पहुंचाया।

उन्होंने देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक एकता के सूत्र में बांधे रखा । अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई । नारी शक्ति के उत्थान में अहम् भूमिका निभाई और भारत को विश्व के मानचित्र में अग्रणीय पंक्ति में लाकर खडा किया । वे भले ही आज इस नश्वर संसार में नही है लेकिन उनके कार्य आज भी हमें देश की एकता और अखंडता को बनायें रखने की याद दिलाते है।

नारी शक्ति थी । दबंग थी । कभी किसी के आगे झुकी नहीं , टूटी नहीं और न ही देश की एकता , अखंडता और संप्रभुता को आंच आने दी । उनको जन्म दिन पर यही सच्ची पुष्पांजलि होगी कि हम उनके सपनों को साकार करे।


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