प्रगतिशील विचारों के धनी “स्व. राजीव गांधी”
सुनील कुमार माथुर
भारत रत्न से सम्मानित स्व0 राजीव गांधी न केवल हमारे देश के कुशल प्रधानमंत्री ही थे अपितु कम्प्यूटर और सूचना क्रांति के जनक भी थे । उनकी सोच ऐसी थी कि हर हाथ को काम मिले तथा कोई भी युवा बेरोजगार न हो । उन्होंने देश के चहुमुखी विकास के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं बनाई । स्व0 प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने एक पाइलट होते हुए भी देश की जो सेवा की वह वंदनीय और सराहनीय है । आज भी लोग उन्हें उनके नेक कार्यों की वजह से श्रद्धा के साथ याद करते हैं चूंकि वे एक नेक , निर्भिक व एक आदर्श नेता थें ।
स्व0 प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सेवा और सादगी के आदर्श को अपने जीवन में साकार कर दिखाया । वे सरल स्वभाव के व्यक्ति थे । सादा जीवन और उच्च विचारों को अपनाकर देश की जनता के समक्ष सादगी की मिसाल पेश की । उन्होंने अपने समस्त सेवा भाव , भक्ति , अध्यात्म, मिलनसार व मददगार व्यक्तित्व की छाप हमारे दिलों पर छोडी । वे दूरदर्शी सोच के धनी थे । उन्होंने वर्षों पहले भारत में जिस कम्प्यूटर और सूचना क्रांति का बीज बोया वह आज वट वृक्ष बन चुका हैं । जिसकी जडो ने भारत को विश्व पटल पर मजबूती से खडा किया ।
भारत रत्न स्व 0 राजीव गांधी 21 वीं सदी में भारत के आधुनिक , समृद्ध , मजबूत लोकतंत्र एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र के स्वप्नदृष्टा , कम्प्यूटर और सूचना क्रांति के जनक , सरल , करूणाशील एवं विनम्र व्यक्तित्व के धनी थे। राजीव गांधी सादगी की प्रतिमूर्ति थे । वे सादा जीवन और उच्च विचारों के धनी थे । प्रधानमंत्री के पद तक पहुंच जाने के बाद भी उन्होंने कभी घमंड , अंहकार नहीं किया , अपितु वे देश के पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि देश में भ्रष्टाचार की जडे गहरी हो चुकी हैं । सरकार विकास कार्यों के लिए एक रूपया देती तो जनता तक पहुंचते – पहुंचते केवल पन्द्रह पैसे ही रह जातें है ।
राजीव गांधी प्रगतिशील विचारों के धनी थे । जिस कार्य को करने की ठान ली उस कार्य को धैर्य के साथ व पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ किया । वे दूरदर्शी सोच के धनी थें । वे संचार की तकनिकी में सुधार के पक्षधर थे व 21 वी शताब्दी में संचार तकनीक में उनकी बडी भूमिका रही हैं देश में संचार क्रांति की नींव रखने वाले स्व0 प्रधानमंत्री राजीव गांधी ही थें और यह सब उनके कारण ही संभव हो पाया हैं । देश का पंचायती राज तंत्र भी उनकी व्यापक सोच से ही मजबूत हो पाया हैं ।
उन्होंने सच्चे आदर्शों का मूल्य हमें सिखाया । सबका हित , मन की निर्मलता , सत्य , सादगी , स्वाभिमान का पाठ हमें पढाया । कर्म, धर्म, सहिष्णुता की प्रेरणा दी । वे बडे ही मिलनसार , जिंदादिल और बेमिसाल इंसान थे । वे आधुनिक भारत के शिल्पकार थे जिन्होंने संचार क्रांति की शुरुआत की । भारत रत्न से सम्मानित स्व0 राजीव गांधी ने जिस पद को सम्भाला उस पद का गौरव एवं गरिमा को बढाया और सदैव सकारात्मक सोच के साथ जनकल्याणकारी कार्य कर देश की जनता-जनार्दन का कल्याण किया ।
प्रधानमंत्री का पद पाकर भी वे सदैव सभी को साथ लेकर चलें । अपने हर साथी की बात को धैर्य के साथ सुना , समझा और उस पर विस्तार से चर्चा कर उस पर कार्य किया । वे मानव ही नहीं अपितु महामानव थे । वे कहा करते थे कि आप लोगों के साथ दया करें तो वे आपकों सदैव याद रखेंगे चूंकि दया का उलटा याद ही होता है । ठीक इसी प्रकार आप किसी का भला करेंगे तो आपकों लाभ अवश्य ही होगा चूंकि भला का उलटा लाभ हैं ।
वे सबकी सुनते थे और चाहते थे कि उसकी समस्या किसी न किसी तरह से हल हो जायें । देश की जनता ने उन्हें सदैव एक गार्जियन के रूप में देखा । चूंकि वे हमेशा हर किसी को अच्छी राय दिया करते थे । देश की जनता को उनसे सदैव कुछ न कुछ नया सीखने को मिला । वास्तव में वे एक सच्चे राजनेता थे । उनका व्यक्तित्व निर्विवाद रहा । जहां भी जो भी जिम्मेदारी उन्हें मिली उसका निर्वहन अच्छे से किया । गरीबों और वंचितों को लेकर वे हमेशा चिंतित रहते थे । सबको साथ लेकर चलना उनका व्यक्तित्व था ।
उनके व्यक्तित्व को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता । मूल्यों में उनकी निष्ठा , समर्पण और सात्विक भाव अतुलनीय था । उन्होंने सिध्दांतों से कभी कोई समझौता नहीं किया । हर स्थिति में अडिग , अविचल और ऐसे व्यक्ति के रूप में रहें जिसे न कभी कोई झुका पाया , न कभी कोई खरीद पाया ।
देश भर में उनकी जयंती 20 अगस्त को सद् भावना दिवस के रूप में मनाई जाती है और इस दिन अधिकारियों व कर्मचारियों को सद् भावना की प्रतिज्ञा दिलाई जाती है जिसमें जाति , सम्प्रदाय , क्षेत्र, धर्म आथवा भाषा का भेदभाव किये बिना सभी भारतवासियों की भावात्मक एकता और सद् भावना के लिए कार्य करने की प्रतिज्ञा दिलाई जाती है विभिन्न स्थानों पर निशुल्क जांच शिविरों का आयोजन किया जाता है तथा ब्लडशुगर , ब्लड प्रेशर , हीमोग्लोबिन सहित वजन की निशुल्क जांच सुविधा प्रदान की जाती है तथा रक्तदान शिविर लगाये जातें है व कच्ची बस्तियों में बच्चों को फल वितरित किये जातें है ।
यह संसार तो एक सराय है और यहां आकर कोई सदा के लिए नहीं रह सकता हैं इसलिए जितना हो सके जीवन में ईमानदारी व निष्ठा के साथ कार्य करें व दूसरों को भी साथ में लेकर चलें । जब भी कोई कार्य आरम्भ करें तो उसमें जनकल्याण की भावना होनी चाहिए चूंकि आपकी समाज व राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ भाव से की गयी सेवा ही सर्वश्रेष्ठ सेवा कहीं जा सकती हैं । अपने लिए व अपनों के लिए तो हर कोई जीता है पर जो दूसरों के लिए जिए वही असली जीना होता हैं ।
आइये, उनकी जयंती पर हम 21 वीं सदी के स्वप्नदृष्टा स्व0 राजीव गांधी की दूरदृष्टी सोच को श्रद्धा से याद करें ।
जिन्दगी के अंधेरों में वो जलती मसाल थे , मुसीबतों से बचाने को वो देश की ढाल थे ,
कहां जी पाये थे वो अपनी जिन्दगी अपने हिसाब से , वे हमारे कोई आम शख्स नहीं त्याग की मिसाल थे।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरस्वतंत्र लेखक व पत्रकारAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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