सबका कर्तव्य है ‘पर्यावरण संरक्षण’

राजीव कुमार झा

आधुनिक काल में पर्यावरण का सारी दुनिया में विनाश हुआ है ! इस दौर में विकसित यांत्रिक सभ्यता में प्रकृति के विभिन्न प्रकार के अवयव प्रदूषण की चपेट में आकर मनुष्य जीवन को दुष्प्रभावित कर रहे हैं!

इनमें हवा , पानी और परिवेश के अलावा पृथ्वी के सुरक्षा कवच के रूप में ओजोन परत के क्षरण की समस्या से धरती पर तापीकरण के प्रक्रिया को काफी बढ़ावा मिला है और वन विनाश के संकट से सारी दुनिया में कई प्रकार के प्राणियों का अस्तित्व संकट से घिरा है!

प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के दिन सारी दुनिया में धरती के पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने का संकल्प लिया जाता है! धरती पर पेड़ पौधे आक्सीजन के स्रोत के रूप में जीवनदायी हैं ! वन विनाश पर्यावरण असंतुलन का सबसे बड़ा कारण है !

इससे भूमिक्षरण की समस्या का भी संबंध है ! वर्तमान औद्योगिक सभ्यता में विभिन्न प्रकार के खनिज तत्वों के खनन से भी जंगलों पहाड़ों का पारिस्थितिकी तंत्र विघटित हुआ है और यह प्रक्रिया अभी भी अबाध गति से निरंतर जारी है ! हमारे देश में भी शहरों और महानगरों में पर्यावरण के प्रदूषण की समस्या गहराती जा रही है!

इसका दुष्प्रभाव शारीरिक रूप से भी मनुष्य को झेलना पड़ रहा है और पर्यावरण प्रदूषण को अब हमारी स्वास्थ्य समस्याओं का बड़ा कारण माना जा रहा है ! हम सभी को धरती के सुंदर और संतुलित पर्यावरण के लिए अब नये सिरे से काम करना होगा और वृक्षारोपण के अभियान में संलग्न होकर धरती पर ताजगी लाने के लिए समर्पित होना होगा!


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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राजीव कुमार झा

कवि एवं लेखक

Address »
इंदुपुर, पोस्ट बड़हिया, जिला लखीसराय (बिहार) | Mob : 6206756085

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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