पीजी कॉलेज कर्णप्रयाग में मनाया गया प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस
पीजी कॉलेज कर्णप्रयाग में मनाया गया प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस… वहीं, डॉ. नरेंद्र पंघाल ने भारत की अब तक की अंतरिक्ष क्षेत्र में प्राप्त सभी उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने मंगलयान, मिशन शक्ति, आदित्य मिशन जैसी उपलब्धियों का उल्लेख किया और यह भी बताया कि भारत दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है। #अंकित तिवारी
कर्णप्रयाग। डॉ. शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कर्णप्रयाग, चमोली में एनसीसी के छात्रों और छात्राओं ने प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) वी.एन. खाली ने एनसीसी कैडेट्स को संबोधित करते हुए बताया कि भारत ने अंतरिक्ष में शिव शक्ति बिंदु पर विक्रम लैंडर की सुरक्षित और सॉफ़्ट लैंडिंग की है।
इसके साथ ही चंद्रमा की सतह पर प्रज्ञान रोवर की सफल तैनाती कर भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। डॉ. एम.एल. शर्मा ने अपने वक्तव्य में चंद्रयान-2 की असफलता के बाद भारत की चुनौतियों और फिर भी हिम्मत न हारने की प्रेरणादायक कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि किस तरह चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण ने न केवल भारत को गर्व का अनुभव कराया, बल्कि पड़ोसी देशों द्वारा की गई आलोचनाओं को भी शांत कर दिया।
वहीं, डॉ. नरेंद्र पंघाल ने भारत की अब तक की अंतरिक्ष क्षेत्र में प्राप्त सभी उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने मंगलयान, मिशन शक्ति, आदित्य मिशन जैसी उपलब्धियों का उल्लेख किया और यह भी बताया कि भारत दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है।
इस अवसर पर कॉलेज के सभी प्राध्यापक, कर्मचारी और एनसीसी के सभी छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। गोष्ठी में अंतरिक्ष विज्ञान और भारत की भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया, जिससे छात्रों में विज्ञान और अंतरिक्ष क्षेत्र के प्रति रुचि और उत्साह उत्पन्न हुआ।
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