उत्तराखण्ड समाचार

कुमाऊं के जंगल फिर धधके, एक स्कूल के तीन कमरे जलकर राख

कुमाऊं के जंगल फिर धधके, एक स्कूल के तीन कमरे जलकर राख… जंगल की आग इतनी भयानक थी कि फायर विभाग की एक अतिरिक्त यूनिट को रानीखेत से यहां बुलाना पड़ा। नैनीताल जिले के सरियाताल से सटे वन क्षेत्र में भी मंगलवार की दोपहर बाद आग लग गई। आग निजी भवन के गेट तक पहुंच गई जिससे आवास के बाहर खड़ी तीन स्कूटी जल गईं।

रानीखेत/भवाली/ज्योलीकोट/गरमपानी/अल्मोड़ा। उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पिछले दिनों हुई बारिश के बाद यह थम गई थी लेकिन एक बार फिर जंगल धधकने लगे हैं। जंगल की आग मंगलवार को रानीखेत के कुमाऊं विहार, मेथोडिस्ट चर्च, रिकॉर्ड ऑफिस, रानीझील के जंगल तक पहुंच गई। तेज हवा के कारण आग धीरे-धीरे केआरसी ब्रिगेडियर आवास के पास तक पहुंच गई।

अग्निशमन विभाग रानीखेत के प्रभारी वंश नारायण यादव ने बताया कि मंगलवार को माल रोड एरिया में विभिन्न स्थानों पर जंगलों में आग लग गई। सूचना मिलने के बाद अग्निशमन विभाग की टीम ने सेना के जवानों के साथ मोर्चा संभाला और आग पर काबू पाया। बेतालघाट ब्लॉक की ग्राम पंचायत बजेड़ी गांव के जंगल में लगी आग मंगलवार की दोपहर आबादी क्षेत्र से होते हुए राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के भवन में पहुंच गई।

आग से विद्यालय के तीन कमरों का सामान जलकर नष्ट हो गया। साथ ही फर्नीचर, कंम्प्यूटर और दस्तावेज जलकर राख हो गया। कसार देवी में स्थित शारदा मठ से लगे जंगलों में सोमवार देर शाम भीषण आग लग गई। धीरे-धीरे आग ने बुद्धिष्ट आश्रम, कसार जंगल रिसॉर्ट और मोहन कैफे से लगे जंगलों को भी चपेट में ले लिया। सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड, वन विभाग की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची और चार घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

जंगल की आग इतनी भयानक थी कि फायर विभाग की एक अतिरिक्त यूनिट को रानीखेत से यहां बुलाना पड़ा। नैनीताल जिले के सरियाताल से सटे वन क्षेत्र में भी मंगलवार की दोपहर बाद आग लग गई। आग निजी भवन के गेट तक पहुंच गई जिससे आवास के बाहर खड़ी तीन स्कूटी जल गईं। उधर, कैंची धाम से सटे जंगल में दो दिनों से लगी आग से वन संपदा को नुकसान पहुंचा है।

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