उत्तराखण्ड समाचार

सिंड्रोमिक नवजात बच्ची को सर्जरी के लिए किया रेफर

जबकि बच्ची एनआईसीयू में ही भर्ती है। हालांकि कुछ डॉक्टरों ने बच्ची को पहचान लिया है, लेकिन रात तक अस्पताल प्रशासन ने यह पुस्टि नहीं की थी कि यह वो ही बच्ची है। यह एक सिंड्रोमिक बच्ची है, जो सामान्य से अलग है। 

देहरादून। दून अस्पताल में 16 जनवरी को पैदा हुई एक सिंड्रोमिक बच्ची कूड़े के ढेर में पड़ी मिली। आरोप है कि परिजनों ने ही उसे फेंका है। पुलिस ने उसे दून अस्पताल में भर्ती करा दिया है। रायपुर निवासी एक महिला ने 16 जनवरी को दून अस्पताल में सिंड्रोमिक बच्ची को जन्म दिया था। बच्ची को दून अस्पताल के ही एनआईसीयू में भर्ती किया गया था।

सांस सही चलने पर 17 जनवरी को डॉक्टरों ने सर्जरी के लिए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। परिजन बच्ची को लेकर चले गए। तब उसकी मां गाइनी वार्ड में भर्ती थी। 18 जनवरी को पुलिस अस्पताल में इस बच्ची को लेकर आई और बताया कि वह कूड़े के ढेर में पड़ी मिली है। इसके कुछ देर बाद ही इस पूरे मामले से अंजान मां अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर चली गई।

जबकि बच्ची एनआईसीयू में ही भर्ती है। हालांकि कुछ डॉक्टरों ने बच्ची को पहचान लिया है, लेकिन रात तक अस्पताल प्रशासन ने यह पुस्टि नहीं की थी कि यह वो ही बच्ची है। यह एक सिंड्रोमिक बच्ची है, जो सामान्य से अलग है। बच्ची का दिमाग खुला हुआ है, होंठ बने नहीं हैं। तालू भी सही नहीं बना है और सिर भी छोटा है।


कूड़े के ढेर में मिली बच्ची को अस्पताल में भर्ती करा दिया है। उसके परिजनों की तलाश कर रहे हैं, पता चलने ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

– प्रमोद कुमार, एसपी सिटी


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