आपके विचारपर्यटन

सिखों का पवित्र तीर्थ ‘हेमकुण्ड साहिब’

सिखों का पवित्र तीर्थ ‘हेमकुण्ड साहिब’, मान्यता है कि सिखों के दसवें गुरु गोविन्द सिंह ने यहां तपस्या की थी। हिमालय में समुद्रतल से 4329 मीटर की ऊंचाई पर सात पहाड़ियों के बीच स्थित इस तीर्थ का अपना अलग ही महत्व है। #ओम प्रकाश उनियाल, देहरादून (उत्तराखंड)

उत्तराखण्ड के चमोली जनपद में फूलों की घाटी के निकट स्थित सिखों के प्रमुख एवं प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ हेमकुण्ड साहिब के दर्शनार्थ जो भी जत्था पहुंचता है आते-जाते उसकी जुबां पर ‘जो बोले सो निहाल, सत् श्री अकाल…सत् श्री अकाल…’ व ‘वाहे गुरु… वाहे गुुरु जी….’ का उद्घोष जरूर सुनायी देता है।

शांत पहाड़ियों के बीच गूंजता उद्घोष हर श्रद्धालु के मन को सुकून तो देता ही है भक्तिभाव से सरावोर भी करता है। प्रतिवर्ष देश-विदेश से इस धार्मिक-स्थल के दर्शन हेतु भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यात्रा अक्सर ग्रीष्मकाल (अप्रैल-मई) से शुरु होकर अक्टूबर माह तक चलती है। बीच के महीनों में यहां की पहाड़ियां बर्फ से लकदक बनी रहती हैं। इस साल हेमकुंड साहिब यात्रा 20 मई से शुरु हुई है।

मान्यता है कि सिखों के दसवें गुरु गोविन्द सिंह ने यहां तपस्या की थी। हिमालय में समुद्रतल से 4329 मीटर की ऊंचाई पर सात पहाड़ियों के बीच स्थित इस तीर्थ का अपना अलग ही महत्व है। यहां पर गुरुद्वारे के निकट ही झील एवं लक्ष्मण मंदिर है। झील में तीर्थयात्री स्नान कर मंदिर एवं गुरुद्वारे में मत्था टेकते हैं।

हेमकुंड साहिब के कपाटोद्घाटन से पहले अरदास की जाती है साथ ही गुरुग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है। यहां पहुंचने के लिए ऋषिकेश से गोविन्दघाट व घांघरिया पड़ाव हैं। कुछ किलोमीटर पैदल यात्रा भी करनी पड़ती है।

ऊंची पर्वतश्रृंखलाओं, हिमनदों, नदियों, झरनों, बुग्यालों के बीच से गुजरते, पक्षियों की चहचहाट सुनते हुए हेमकुंड साहिब की यात्रा भक्तिभाव के साथ-साथ मनोहारी दृश्यों की यादगार भी समेटे रहती है। राज्य सरकार ने यात्रा सुचारू रूप से चलाने की पूरी व्यवस्था की हुई है।

झूठ बोलने वालों से दूर रहें


👉 देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है। अपने शब्दों में देवभूमि समाचार से संबंधित अपनी टिप्पणी दें एवं 1, 2, 3, 4, 5 स्टार से रैंकिंग करें।

सिखों का पवित्र तीर्थ 'हेमकुण्ड साहिब', मान्यता है कि सिखों के दसवें गुरु गोविन्द सिंह ने यहां तपस्या की थी। हिमालय में समुद्रतल से 4329 मीटर की ऊंचाई पर सात पहाड़ियों के बीच स्थित इस तीर्थ का अपना अलग ही महत्व है। #ओम प्रकाश उनियाल, देहरादून (उत्तराखंड)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Devbhoomi Samachar
Verified by MonsterInsights