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सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक की गोली मारकर ली जान

जालंधर (पंजाब)। साल 1985 के कनिष्क बम विस्फोट मामले में बरी बिजनेसमैन और पंजाबी मूल के कनाडाई सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक की गुरुवार सुबह कनाडा के सरे इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनकी हत्या उस समय हुई, जब वह अपनी कार में सवार होकर जा रहे थे। रास्ते में बाइक सवार युवकों ने उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया।

यह घटना सरे शहर के 128 और 82 इंटरसेक्शन के बीच हुई है। हत्यारे एक कार में आए थे। कार को कुछ दूरी पर खड़ी कर फिर बाइक पर सवार हुए थे। हत्या को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने कार को आग के हवाले कर दिया। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि सुबूत मिटाने के लिए कार में आग लगाई गई। फिलहाल हत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है।

रिपुदमन सिंह कनाडा के एक सफल कारोबारी के साथ-साथ सिख संस्थाओं के प्रतिनिधि भी थे। उन पर एयर इंडिया के विमान को अगवा कर विस्फोट करने का मामला चला था। यह घटना साल 1985 की है। मांट्रियल से नई दिल्ली आ रहे विमान में विस्फोट हो गया था। इस घटना में 329 यात्रियों की मौत हो गई थी। इस मामले में 2005 तक रिपुदमन सिंह कनाडा की जेल में बंद रहे और बाद में उनको बरी किया गया था। रिपुदमन सिंह पहले खालिस्तान हिमायती थे लेकिन बाद में उनकी विचारधारा बदल गई थी। अंतिम समय तक वह सिख समुदाय के लोगों को अलगावादी नेताओं से दूर रहने के लिए प्रेरित करते थे।

रिपुदमन सिंह की हत्या कट्टरपंथियों द्वारा किए जाने की आशंका है। बताया जा रहा है कि वह खालिस्तान की विचारधारा से दूर होकर भारत सरकार के प्रति कनाडा के कट्टरपंथियों में अलख जगा रहे थे। रिपुदमन सिंह मलिक श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छपाई कर चर्चा में आए थे। रिपुदमन और बलवंत सिंह की ओर से प्रकाशित पावन स्वरूपों के मुद्दे पर कनाडा की सिख संगत में भारी रोष था। मामला श्री अकाल तख्त साहिब तक भी पहुंचा, इस कारण रिपुदमन सिंह ने छपाई बंद कर दी थी और पावन स्वरूप शिरोमणि कमेटी को सौंप दिए थे।

रिपुदमन सिंह मलिक भारतीय पीएम मोदी के काफी प्रशंसक थे और उन्होंने पत्र लिखकर मोदी सरकार की ओर से सिख समुदाय के लिए उठाए गए कई अभूतपूर्व सकारात्मक कदमों के लिए ह्रदय से आभार व्यक्त किया था। खालसा स्कूल कनाडा के प्रधान, खालसा क्रेडिट यूनियन के संस्थापक रिपुदमन सिंह मलिक ने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी को भेजे अपने पत्र में मौजूदा भारतीय सरकार की ओर से सिखों के प्रति किये जा रहे सकारात्मक कार्यों के लिए आभार प्रकट किया था। रिपुदमन सिंह बरी होने के बाद भी काली सूची में थे लेकिन मोदी सरकार ने काली सूची को खत्म किया तो रिपुदमन सिंह भारत दौरे पर आए थे।

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