साहित्य लहर
कविता : मेरे प्यार

राजीव कुमार झा
खूबसूरत यादों में
खोई
मुमताज ताज के पास
मौसम का प्यार भरा
अहसास
नाचे मोर पपीहा बोले
चिड़िया आकर
तुमको पहाड़ के पास
देखकर
होली के रंगों से
मीठे गीतों में रस
घोले
दहकते हैं
इश्क के शहर में
अमलतास गेसू
कचनार
पिया के हाथों से
सुहागरात में तुमने
पहना
यौवन के दमकते
यौवन का हार
फूल सी सुंदर सुकुमारी
राजकुमारी
तुम्हारी हंसी में बहती
गंगा यमुना की धार
डोली लेकर आये कहार