अपने कर्म को महत्व दीजिए

सुनील कुमार माथुर

आज का इंसान हर वक्त दूसरों में गलतियों को ढूंढता रहना हैं और फिर उनका सब जगह बखान करता – फिरता हैं । वह कभी भी अपने आपकों नहीं देखता हैं कि वह क्या कर रहा हैं । दूसरों की गलतियों को ढूंढना आसान हैं लेकिन इंसान अपनी गलतियों को कभी भी स्वीकार नहीं करता हैं । यह कैसी विडम्बना है  ?

किसी में कमियों को ढूंढने से हमें कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है अपितु अपना समय ही बर्बाद करना हैं । होना तो यह चाहिए कि हम दूसरों में कमियों को ढूंढने के बजाय अपना कर्म करते जायें । हम अपने कर्म को महत्व दे । आज हम हर जगह लोगों को बिना मांगे राय देते फिरते है जिससे कई बार आपसी संबंधों में मधुरता के स्थान पर दरार आ जाती हैं और वे टूट भी जातें है । अतः बोलते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए । वही दूसरी ओर किसी व्यक्ति विशेष को अपनी बात कहने के लिए आतुर न रहें  ।

सही  – गलत का निर्णय समय पर छोड़ दीजिए । जो होगा वह अच्छा ही होगा । बस आपकों तो समझदारी के साथ सजग व सतर्क रहना चाहिए । इसी के साथ ही साथ इस बात का भी विशेष ख्याल रखें कि अपने सामने हो रही गलतियों को कभी भी नजरअंदाज न करें । आप तो बस अपने कर्म को महत्व दीजिए । सफलता अवश्य ही मिलेगी और आपके कदमों को चूमेगी  । इसमें कोई दो राय नहीं है ।

हर दिन की शुरुआत मुस्कुराते हुए कीजिए । फिर देखिये कि किस तरह से सारे तनाव दूर होते हैं और जो लोग कल तक आपके दुश्मन थे वे कैसे आपके चहेते हो जायेंगे । बस अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें । यह वाणी ही हैं जो कभी मित्र को भी दुश्मन बना देती हैं तो कभी दुश्मन को भी मित्र बना देती हैं । अतः जब भी बोलें तब सोच समझ कर बोले ताकि किसी को हमारी वाणी की वजह से पीडा न हो । उनका दिल न दुखे ।

जीवन में बार – बार सुनहरे अवसर नहीं मिलते हैं । अतः जब भी सुनहरा मौका मिलें तब उसका भरपूर लाभ उठायें । इसी के साथ ही साथ दिन की महत्वता को भी समझें । हर दिन व समय शुभ होता हैं । अगर आपके मन में अपने ईष्ट के प्रति सच्ची श्रद्धा और विश्वास हो । अन्यथा आपके अपने भी आपकों महत्व नहीं देंगे । जीवन में आप सम्मान चाहतें है तो दूसरों को भी सम्मान देना सीखिए । जीवन में इस बात को गांठ बांध लीजिए कि कभी कोई ऐसा कार्य न करे कि लोग आपका मजाक बनायें ।

आप तो बस अपनें कार्य पर ध्यान दे और पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ सुचारू रूप से कार्य करतें हुए आगें बढें । कभी भी समय की अनदेखी न करें वरना समय आपकी अनदेखी कर देगा । इस बात का भी ध्यान रखें कि गया सभय कभी भी वापस नहीं आता हैं । इसलिए समय का सदुपयोग करें । कभी भी मेहनत से जी न चुराये और न ही मेहनत से पीछे हटे । किसी के भी कार्य में बाधक न बनें और न ही अनावश्यक अडचन डालें । जब भी योग्य व्यक्ति का सही मार्गदर्शन मिलें तब उसका भरपूर लाभ उठायें ।

जीवन में सदैव सकारात्मक सोच रखिए और अपनी प्रतिभा को निखारने में समय लगायें । जीवन में जीने का आनंद तभी आता हैं जब हम अपने कार्यों के साथ ही साथ कुछ वक्त धार्मिक , सांस्कृतिक व अन्य मनोरंजन के लिए भी निकालें और समाज के सभी वर्गों के लोगों के साथ उठे  – बैठे । आपस में चर्चा करें । एक  – दूसरें की सुनें । हो सके तो किसी के हमदर्द बनें और उन्हें ऊपर उठने के लिए प्रोत्साहित करें । मार्गदर्शन करें । हमेशा लेना ही नहीं सीखें अपितु देना भी सीखें ।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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सुनील कुमार माथुर

लेखक एवं कवि

Address »
33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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