बाल कहानी : देश-प्रेम
बाल कहानी : देश-प्रेम, पुलिस कमिश्नर ने पुलिस की टीम तैयार की व बच्चों की सूझबूझ से केवल एक सप्ताह में ही इन सभी गलत व अनैतिक गतिविधियों में लिप्त लोगों को गिरफतार कर लिया। इस अभियान से शहर भर के व्यापारियों में हड़कंप मच गया। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर (राजस्थान)
सुनील की देश के प्रति गहरी भक्ति थी। उसे इस बात का दुःख था कि चंद लोगों की खातिर जनता कितनी दुःखी है । लेकिन जनता की कोई नहीं सुनता। जब वह समाचार पत्रों में यह पढता था कि पीड़ित पक्षकार को कोर्ट के फैसले के सात साल बाद सरकारी सेवा में नियुक्ति, लेकिन इन सात सालों का कोई लाभ नहीं, कार्य स्थल पर महिलाओं का शोषण व देह शोषण, मादक पदार्थों की तस्करी में सरकारी कर्मचारी व अधिकारी लिप्त, दो वक्त की रोटी की खातिर बेटी से देह व्यापार, शिक्षण संस्थान बने लूट खसोट के केन्द्र। जब वह ऐसे समाचार पढता तो उसका खून खौल उठता।
उसने एक दिन चेतन, शशिधर, गोपाल, चांद मोहम्मद के साथ योजना बनाई कि दीपावली का त्योहार नजदीक है। इसलिए मिठाई के साथ डिब्बे तोलने वालों, भ्रष्टाचारियों, मिलावटखोरों, अश्लील वीडियो व किताबे बेचने वालों और जुआरियों की धरपकड़ का अभियान चलाया जाये। सभी साथी सुनील की बात से सहमत हो गए। उन्होंने शहर के जिलाधीश महोदय व पुलिस कमिश्नर से मिलकर अपनी योजना बताई।
तनाव में खाया हुआ अमृत भी बन जाता है जहर
पुलिस कमिश्नर ने पुलिस की टीम तैयार की व बच्चों की सूझबूझ से केवल एक सप्ताह में ही इन सभी गलत व अनैतिक गतिविधियों में लिप्त लोगों को गिरफतार कर लिया। इस अभियान से शहर भर के व्यापारियों में हड़कंप मच गया। बाद में पुलिस कमिश्नर ने पत्रकारों को बताया कि इस अभियान की सफलता इन बच्चों की सूझबूझ को जाता हैं।
तभी सभी बच्चे एक साथ बोले, सर, इसका श्रेय सुनील के देश प्रेम को जाता हैं जो दिन रात देश हित में काम करता है। तब पुलिस कमिश्नर ने कहा कि देश प्रेम से बडा कुछ भी नहीं है। हमें अपने देश से सदा प्यार होना चाहिए। जहां देश भक्ति का भाव हो वहां कभी भी अपराध नहीं पनप सकते। इसलिए बच्चों में बचपन से ही देश प्रेम की भावना होनी चाहिए।
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कहानी बहुत ही समसामयिक मुद्दों पर आधारित है ।
Nice article 👌
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