देवभूमि एक रचनात्मक मिशन
सुनील कुमार माथुर
पत्रकारिता एक चुनौती पूर्ण कार्य हैं और आज पत्रकारिता के क्षेत्र में पत्र – पत्रिकाओं के पाठक टूट रहे हैं और घट रहें है जिसके कारण अनेक पत्र – पत्रिकाओं का प्रकाशन बंद हो गया है या फिर वे बंद होने के कगार पर हैं । अनेक पत्र – पत्रिकाओं की स्थिति तो यह हो गयी हैं कि वे केवल आफिस फाइल के लिए ही चंद प्रतियां छाप रहें है और सरकारी विज्ञापन बटोर रहें है ।
वहीं दूसरी ओर देवभूमि समाचार पत्र ने पाठकों को एक ऐसा मंच दिया हैं जिस पर पाठकों की संख्या लगातार बढ रही हैं । चूंकि देवभूमि समाचार पत्र के संपादक राज शेखर भट्ट रचनाकारों व साहित्यकारों को एक ऐसा मंच प्रदान किया हैं जिस पर रचनाकार निर्भिक व स्वतंत्र होकर सकारात्मक सोच के साथ श्रेष्ठ साहित्य लेखन कर अपनी लेखनी निर्बाध रूप से चलाकर समाज व राष्ट्र को एक नई सोच , नई दशा व दिशा प्रदान कर रहें है वहीं दूसरी ओर देवभूमि समाचार पत्र के संपादक राज शेखर भट्ट ने पाठकों व रचनाकारों की लेखनी को एक नई धार दी हैं ।
उन्होंने रचनाकारों को न केवल एक मंच ही प्रदान किया हैं अपितु समय-समय पर अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित कर श्रेष्ठ प्रतिभागियों को ऑनलाइन प्रशस्ति पत्र देकर न केवल उनका मनोबल ही बढाया अपितु उन्हें मान – सम्मान भी दे रहें है । यहीं वजह है कि आज देवभूमि समाचार पत्र के प्रति रचनाकारों व पाठकों का लगाव लगातार बढता ही जा रहा हैं ।
वहीं दूसरी ओर पत्र – पत्रिकाओं के संपादक व प्रकाशकों के समक्ष पत्र – पत्रिकाओं का प्रकाशन बंद करने की नौबत आ रही हैं चूंकि वे अब साहित्यिक न होकर व्यवसायिक हो गये हैं और रचनाकारों को भी पत्र – पत्रिकाओं के ग्राहक बना रहें है और उनसे एक साथ तीन वर्ष , पांच वर्ष एवं आजीवन की सदस्यता ग्रहण करने का दबाव डाला जा रहा हैं और जो रचनाकार सदस्यता ग्रहण नहीं करते हैं उनकी रचनाओं का प्रकाशन रोक दिया जाता हैं।
यहीं वजह है कि आज अनेक पत्र पत्रिकाओ में श्रेष्ठ रचनाओं का प्रकाशन नहीं हो पा रहा हैं और येन केन प्रकारेण उन्हीं लोगों की रचनाएं प्रकाशित हो पा रहीं है जो उनके सदस्य बनें हैं ।
इस स्कीम के चलते लोग साहित्य की चोरी भी करने लगें है और दूसरों की रचनाओं को तोड – मरोड कर अपने नाम से प्रकाशित करा रहें है जो एक चिंताजनक बात हैं । आज दुःख इस बात का है कि संपादक मंडल रचनाकारों को उनकी रचना प्रकाशित होने पर पारिश्रमिक देना तो दूर की बात हैं अपितु उन्हें प्रकाशित रचना की एक लेखकीय प्रति भी डाक से निःशुल्क नहीं भेजते हैं ।
नतीजन श्रेष्ठ रचनाओं के अभाव में पाठकों को पठनीय सामग्री नहीं मिल रही हैं और पाठकों की संख्या लगातार घट रही हैं जिसके कारण उनका प्रकाशन बंद हो रहा हैं । आज प्रतिस्पर्धा के युग में वे ही पत्र – पत्रिकाएं टिक पा रही हैं जो अपनें पाठकों को श्रेष्ठ साहित्य दे पा रही हैं और रचनाकारों को निःशुल्क लेखकीय प्रति व पारिश्रमिक भी दे रही हैं ।
देवभूमि समाचार पत्र ने इस प्रतिस्पर्धा के युग में रचनाकारों को श्रेष्ठ लेखन हेतु निःशुल्क मंच प्रदान कर जहां एक ओर अपने रचनात्मक मिशन को बनाये रखा जिसके लिए देवभूमि समाचार पत्र के संपादक राज शेखर भट्ट धन्यवाद एवं साधुवाद के पात्र है।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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