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पत्नी की कॉल रिकॉर्डिंग ने तबाह किए दो परिवार…

घटनास्थल के आसपास कोई साक्ष्य नहीं मिला है। मुकदमा वादी पप्पू को थाने बुलाया गया। उनसे साक्ष्य मांगे गए। उनसे कई सवाल कर घटना की गहराई तक जाने की कोशिश की गई। मगर, वादी घटना के समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं दे पाया, जिससे की आरोपियों को चिन्हित किया जा सके।

मथुरा। मथुरा के थाना हाईवे के एटीवी इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे महोली गांव के युवक विजय की जलाकर हत्या के मामले में शुक्रवार को इस जघन्य कांड की वजह सामने आई। मृतक विजय के मामा का दावा है कि विजय के फोन से एक बार उसकी पत्नी ने किसी पुरुष से बातचीत की थी। वह कॉल रिकॉर्ड हो गई थी। विजय ने इसका विरोध किया था। इसी बात पर एक साल पहले घर में रार शुरू हुई। रार ने इतना बड़ा रूप लिया कि दो परिवार तबाह हो गए। चार माह के बेटे के सिर से उसके पिता का साया उठ गया।

विजय (23) पुत्र पप्पू निवासी महोली, हाईवे के शव का बृहस्पतिवार देर शाम को गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। विजय के मामा ने बताया कि बहू पिंकी और छोटे भांजे अजय की बहू निशा ने परिवार में इस कदर क्लेश मचा दी थी कि मामला तलाक की दहलीज पर आ गया था। दोनों ससुर पर ही गंदी नीयत का आरोप लगाने लगी थीं। बृहस्पतिवार को विधायक के यहां तलाक की वार्ता को बैठक प्रस्तावित थी। मगर, वह किसी कारण से टल गई।

विजय की मौत के मामले में वादी के बयान और साक्ष्य मेल नहीं खा रहे हैं। शुक्रवार को भी दिनभर साक्ष्य जुटाने की कसरत जारी रही। वादी पक्ष को भी थाने बुलाया गया। वहां बयान लिए गए। मगर, जिस प्रकार से वादी घटना का उल्लेख मौखिक रूप से कर रहा है। उसके समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं दे पा रहा है। अब पुलिस ने मृतक व उसकी हत्या के आरोपी ससुरालियों की मोबाइल की सीडीआर टेलीकॉम कंपनी से मांगी है।

इधर, आरोपियों की तलाश में भी पुलिस जुटी है। पांच टीमों को गिरफ्तारी के लिए लगाया गया है। आरोपियों के रिश्तेदारों के घरों, अन्य संभावित ठिकानों पर शुक्रवार को ताबड़तोड़ दबिश दी गई। इधर, घटनास्थल का इंस्पेक्टर उमेश चंद त्रिपाठी, सीओ श्वेता वर्मा सहित अन्य स्टाफ ने फिर से मौका मुआयना किया।

घटनास्थल के आसपास कोई साक्ष्य नहीं मिला है। मुकदमा वादी पप्पू को थाने बुलाया गया। उनसे साक्ष्य मांगे गए। उनसे कई सवाल कर घटना की गहराई तक जाने की कोशिश की गई। मगर, वादी घटना के समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं दे पाया, जिससे की आरोपियों को चिन्हित किया जा सके। वादी का कहना है कि उसने आरोपियों के चेहरे नहीं देखे। बस इतना देखा कि दो लोग बाइक से बेटे को खींचकर ले गए। वादी यह भी नहीं बता पाया कि आरोपियों ने विजय को आग के हवाले किस प्रकार किया। पुलिस को एक फुटेज मिला है, जिसमें विजय को एक फौजी द्वारा बचाने का प्रयास किया जा रहा है। मगर, विजय तब तक आग में बुरी तरह जलने के कारण दम तोड़ चुका था।

बृहस्पतिवार दिन में हुई घटना के बाद शाम को गोवर्धन चौराहा पर गुस्साई भीड़ ने जाम लगा दिया था। इस भीड़ में कुछ अराजक शामिल हो गए। उन्होंने मृतक पक्ष की आड़ में गाड़ियों में तोड़फोड़ व पथराव किया। पुलिस उक्त अराजकों को वीडियो-फोटो के आधार पर चिन्हित करने में लगी है।


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