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अभिभावक सम्मेलन में भजनों की सरिता बही

इस अवसर पर शिक्षाविद् आकाश सारस्वत ने कहा कि अभिभावकों को अपनी महत्वाकांक्षा बच्चों पर नही लादनी चाहिए और न ही बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से करे, चूंकि हर बच्चा विशेष होता हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को सही व गलत का आभास कराते हुए उनका सही मार्गदर्शन करते रहना चाहिए चूंकि अनावश्यक दबाव से उनका विकास अवरूद्ध हो जाता है।

जोधपुर। बाल प्रहरी और बाल साहित्य संस्थान अल्मोड़ा उत्तराखंड ध्दारा गूगल मीट पर ऑनलाइन अभिभावक सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें अभिभावकों ने भजनों की शानदार प्रस्तुति कर भजनों की सरिता बहाई। जोधपुर के साहित्यकार सुनील कुमार माथुर ने भी अपना कविता पाठ प्रस्तुत किया।

अभिभावक सम्मेलन की अध्यक्षता सुमित श्रीवास्तव ने की व मुख्य अतिथि माधवसिंह नेगी थे । कार्यक्रम का संचालन डॉ. चंपा बिष्ट ने किया। आमंत्रित अतिथि एवं अभिभावक प्रकाशचंद्र पांडे, विक्रम पंवार, कु. निधि बिष्ट, प्रमोद कांडपाल, जोधपुर के साहित्यकार सुनील कुमार माथुर, कृपाल सिंह शीला, कु. एकता भट्ट , नरेंद्रपाल सिंह, ललित तिवारी, संजय कुमार जांगिड़, एवं. कु. रूचि तिवारी ने अपनी अपनी मन पसंद विधा में प्रस्तुति दी और कार्यक्रम में भजनों की शानदार प्रस्तुति कर चार चांद लगा दिए।

अभिभावकों ने अयोध्या के रामलला , कान्हा कंकर न मारो गगरिया में, नगरी हो अयोध्या सी, सुख के सब साथी दुःख में न कोई, केवट से नैया मांग रहे, जो खेल गये प्राणों से राम के लिए जरा तालियां बजाओं हनुमान के लिए जैसे एक से बढकर एक भजनों की शानदार प्रस्तुति दी वही हां मैं पुस्तक हूं, विधा के पावन मंदिर व नारी शक्ति पर भी कविताएं प्रस्तुत की गई।

इस अवसर पर शिक्षाविद् आकाश सारस्वत ने कहा कि अभिभावकों को अपनी महत्वाकांक्षा बच्चों पर नही लादनी चाहिए और न ही बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से करे, चूंकि हर बच्चा विशेष होता हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को सही व गलत का आभास कराते हुए उनका सही मार्गदर्शन करते रहना चाहिए चूंकि अनावश्यक दबाव से उनका विकास अवरूद्ध हो जाता है।
अंत में डा अशोक कुमार नेगी व बाल साहित्य संस्थान अल्मोड़ा उत्तराखंड के सचिव उदय किरौला ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।


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