उत्तराखण्ड समाचार

आजादी के बाद पहली बार कलियर शरीफ दरगाह पर फहराया तिरंगा

पिरान कलियर शरीफ चिश्ती संप्रदाय के सूफी संत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर कल्यारी की 13वीं सदी की दरगाह है। उन्हें सरकार साबिर पाक और साबिर कलियारी के नाम से भी जाना जाता था। रूड़की से 7 किमी दूर गंगा नहर के तट पर हरिद्वार के पास कलियार गांव में स्थित यह भारत में मुसलमानों के लिए सबसे प्रतिष्ठित तीर्थस्थलों में से एक है और हिंदू और मुस्लिम समुदाय द्वारा समान रूप से पूज्य है।

देहरादून। गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में रूड़की के निकट विश्व प्रसिद्ध मुस्लिम धर्मस्थल पिरान कलियर शरीफ में आजादी के बाद पहली बार शुक्रवार को राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने भारत माता की जय और मादरे वतन हिंदुस्तान जिंदाबाद जैसे नारों के बीच दरगाह पर तिरंगा फहराया।

शम्स ने संवाददाताओं से कहा कि मुझे बताया गया था कि पिछले 75 वर्षों से दरगाह पर राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया गया है। मैंने सोचा कि क्यों न हम यह प्रथा शुरू करें और समाज को एक सकारात्मक संदेश दें। गणतंत्र दिवस पर पिरान कलियर में राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही है। मैं भारत माता को नमन करता हूं और देश के शहीदों को श्रद्धांजलि देता हूं। देश में कोई भी जगह ऐसी नहीं होनी चाहिए जहां पर तिरंगा न फहराया जाए क्योंकि हम विश्वास करें कि राष्ट्र पहले आता है।

संगम नगरी प्रयागराज में आपको मंत्रमुग्ध कर सकती हैं ये जगहें

पिरान कलियर शरीफ चिश्ती संप्रदाय के सूफी संत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर कल्यारी की 13वीं सदी की दरगाह है। उन्हें सरकार साबिर पाक और साबिर कलियारी के नाम से भी जाना जाता था। रूड़की से 7 किमी दूर गंगा नहर के तट पर हरिद्वार के पास कलियार गांव में स्थित यह भारत में मुसलमानों के लिए सबसे प्रतिष्ठित तीर्थस्थलों में से एक है और हिंदू और मुस्लिम समुदाय द्वारा समान रूप से पूज्य है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Devbhoomi Samachar
Verified by MonsterInsights