कुतों के हमले से बचे तो ट्रेन ने मौत की नींद सुला दिया
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बताया जाता है कि जब बच्चे स्कूल की छुट्टी के बाद अपने अपने घर जा रहे थे तभी एक घर में बंधा कुता जोर जोर से भोकने लगा। उसे देख गली के पालतू कुत्ते भी भौंकने लगे जिससे ये दोनों बच्चे कुतों के हमले से बचने के लिए रेल पटरी की ओर भागे तभी पटरी पर टे्न आ गयी और दोनों बच्चे टे्न की चपेट में आने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर
जोधपुर। देश में एक ओर राम लला प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर लोग घर घर 22 जनवरी 2024 को दीपक जलाकर रोशनी करने की तैयारी कर रहे हैं इसी बीच राजस्थान के जोधपुर शहर में दो घरों के नन्हे नन्हे बच्चे कुत्तों के भौकने और पीछे पडने से घबराते हुए दौड पडे लेकिन उन्हें क्या पता था कि मौत सिर पर खडी हैं।
वे कुतों से तो बच गये लेकिन टे्न की चपेट में आने से मारे गये। यह हृदय विदारक दृश्य देख कर व सुनकर हर किसी की आंखों से आंसू चू पडे। बताया जाता है कि ये बच्चे स्कूल से घर जा रहे थे तभी दो बच्चों के पीछे कुत्ते पड़ गये। कुत्तों से बचने के लिये ये दोनों स्कूली छात्र रेल पटरी के पार जाने लगे तभी रेलगाड़ी आ गई और दोनों बच्चों की रेल से कट कर मौत हो गई।
हादसे की खबर मिलते ही मौके पर पुलिस के अधिकारी पहुंचे है । मिली जानकारी के अनुसार जोधपुर से बनाड़ा सड़क के बायीं तरफ रेल पटरियां हैं। पास ही के एक मकान में पालतू कुत्ता भौंक रहा था जिसे देख गली के आवारा कुत्ते भी भौंकने लगे। इसी समय पास की स्कूल से छुट्टी के बाद बच्चे रेल पटरी के सहारे सहारे कच्चे रास्ते से गुजर रहे थे। तभी ये कुत्ते इन बच्चों के पीछे काटने को दौड़े।
जान बचाकर भाग रहे दोनों बच्चे जैसे ही पटरी पार कर दूसरी तरफ जाने के लिए भागे,तभी तेज गति में आई ट्रेन ने उन्हें चपेट में ले लिया और बच्चों के टुकड़े हो गये और मौके पर ही दोनों स्कूली बच्चों की दर्दनांक मौत हो गई। इस घटना के बाद लोगों में गुस्सा फूट पडा। बताया जाता है कि जब बच्चे स्कूल की छुट्टी के बाद अपने अपने घर जा रहे थे तभी एक घर में बंधा कुता जोर जोर से भोकने लगा।
उसे देख गली के पालतू कुत्ते भी भौंकने लगे जिससे ये दोनों बच्चे कुतों के हमले से बचने के लिए रेल पटरी की ओर भागे तभी पटरी पर टे्न आ गयी और दोनों बच्चे टे्न की चपेट में आने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई। कुत्तों से जोधपुर शहर की जनता बेहद परेशान हैं। नगर निगम कुत्तों को पकडने के लिए मात्र औपचारिकता पूरी करने के लिए कभी कभाद अभियान चलाकर इतिश्री कर लेती हैं। जबकि शहर भर की गलियों में आवारा कुत्तों का आंतक देखा जा सकता है।
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