अपराध

खुद को बताया PCS अफसर, नौकरी के नाम पर लाखों ठगे

पीड़ित नारायण ने इस मामले में कोर्ट में एफआइ्र्रआर दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर वृंदावन कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। कोतवाली प्रभारी आनंद कुमार शाही ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी मुकदमा एक व्यक्ति के विरुद्ध दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है। उचित कार्रवाई की जाएगी।

मथुरा। तीर्थनगरी मथुरा के वृंदावन में पीसीएस अधिकारी बनकर लोक निर्माण विभाग में नौकरी के लगाने के नाम पर साढे 16 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। चैतन्य विहार फेज वन निवासी एक व्यक्ति ने खुद को पीसीएस अधिकारी बताकर एक दर्जन से अधिक लोगों के साथ ठगी कर डाली। पीड़ित ने पुलिस द्वारा शिकायत की अनदेखी करने पर न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया है।

केशव नगर निवासी पाडित्य कर्म करने वाले नारायण सिंह पुत्र ओम सिंह की सात माह पहले चैतन्य विहार फेज वन निवासी अनुराग वर्मा से हुई थी। मूलरुप से टोकरा नोहरा, देवगढ राजसमंद राजस्थान निवासी नारायण ने पुलिस को बताया कि मूल रुप से नई दिल्ली न्यू अशोक नगर निवासी अनुराग ने अपने को पीसीएस अधिकारी बताते हुए परिचय दिया था।

आरोपी ने कथा था कि उसके चचिया ससुर लखनऊ स्थित सचिवालय में उच्च अधिकारी हैं। दोनों के बीच मिलना जुलना हुआ। आरोपी अनुराग ने उनकी पत्नी लक्ष्मीदेवी को धर्म बहन मान लिया और उसे भरोसे में ले लिया। एक दिन अनुराग और उसकी पत्नी घर आए और बताया कि लोकनिर्माण विभाग में संविदा पर भर्तियां होनी हैं। वह 85 हजार रुपए में नौकरी लगवा सकते हैं। नौकरी न लगने पर 180 दिनों में वह पैसा वापस कर देंगे।

बातों में आकर नारायण ने अपने भाई पे्रम सिंह, रामप्रसाद, रोहित कुमार, लक्ष्मी ने अपने भाई नीलेश कुमार, शिवराम, मयंक, गौरव एवं अपने रिश्तेदार सचिन कुमार, राजेश कुमार, कुंजबिहारी, वीरेंद्र कुमार, दीपक कुमार, संतोष कुमार, मयंक, ब्यूटी कुमारी, अभिषेक कुमार, अजय, केशव कुमार, विशाल, अवधेश कुमार, ईश्वर कुमार, रानी कुमारी, कपिल, हरिओम, सुनहरी लाल कृष्णगोपाल शर्मा, दीपक शर्मा, मूलचंद, गौरव, राहुल, लक्ष्मण ने अपने शैक्षिक प्रमाणपत्र दिए और कुछ से नकद और कुछ से कई बैंक खातों में धनराशि लेली और अनुराग के बैंक खाते में 16 लाख 50 हजार रुपए जमा कर दिए।

पीड़ित नारायण ने एफआईआर में बताया कि जब लोगों की नौकरी नहीं लगी तो दीपक से पैसे वापस करने को कहा, लेकिन धनराशि वापस नहीं मिली तो 19 जून 2023 को एसएसपी को डाक से शिकायत कर कार्रवाई करने की अपील की थी। जब नारायण ने आरोपी अनुराग के बारे में पता लगाया तो सच सामने आया कि अनुराग पीसीएस अधिकारी नहीं है, बल्कि एक निजी कंपनी गोल्ड बुल्स इंफ्रा बैंचर में कार्य करता है। वहां भी ठगी करने पर कंपनी ने आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई कराई है।

पीड़ित नारायण ने इस मामले में कोर्ट में एफआइ्र्रआर दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर वृंदावन कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। कोतवाली प्रभारी आनंद कुमार शाही ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी मुकदमा एक व्यक्ति के विरुद्ध दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है। उचित कार्रवाई की जाएगी।


Advertisement… 


Advertisement… 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Devbhoomi Samachar
Verified by MonsterInsights