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जालसाजों ने बना डाली सुप्रीम कोर्ट की ही फर्जी वेबसाइट

जालसाजों ने बना डाली सुप्रीम कोर्ट की ही फर्जी वेबसाइट, कोर्ट प्रशासन ने आम नागरिकों को निर्देश भी दिया है कि ऑनलाइन आर्थिक फ्रॉड के पीड़ित नागरिक फ़ौरन अपने बैंक, क्रेडिट कार्ड कम्पनी या संबंधित आर्थिक संस्थान से संपर्क करें साथ ही अपने सभी अकाउंट के पासवर्ड बदल कर जितना हो सके उतना जटिल बना लें।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट के नाम पर तैयार की गई फर्जी वेबसाइट से लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। कोर्ट ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी कर बताया कि उसकी ऑफिशियल वेबसाइट से मिलती-जुलती एक नकली वेबसाइट के जरिए हैकर्स लोगों की निजी और गोपनीय जानकारी चुरा रहे थे।

जांच में यह बात सामने आई है कि वेबसाइट 50-60 दिन पहले अमेरिका में बनाई गई थी। वेबसाइट में लोगों से 9 तरह की जानकारी मांगी जा रही थी जिसमें, बैंक का नाम, अकाउंट नंबर, आधार कार्ड, पेन नंबर, अकाउंट नंबर, फोन नंबर, लॉगिंग पासवर्ड, कार्ड पासवर्ड, ऑनलाइन बैंकिंग डिटेल्स और यूजर आईडी शामिल है।चूंकि वेबसाइट ठग अपराधियों की है जैसे ही जानकारी देते हैं तो उपभोक्ता फंस जाता है और उपभोक्ता का अकाउंट खल्लास हो जाता है।

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ऐसी आशंका है कि काफी प्रतिष्ठित लोगों की तरफ से गोपनीय जानकारी दी जा चुकी है।सुप्रीम कोर्ट के एडिशनल रजिस्टार की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल आईएफएसओ में इसे लेकर एफआईआर दर्ज की गई है।वेबसाइट का ट्रैफिक अमेरिका से थाइलैंड होकर भारत आ रहा था।सुप्रीम कोर्ट प्रशासन में तकनीकी मामलों के रजिस्ट्रार हरगुरविंदर सिंह जग्गी ने दो यूआरएळ का जिक्र किया है जिनके जरिए घपलेबाजी और फर्जीवाड़ा करने की कोशिश हुई।

लिहाजा कोई भी इस वेबसाइट https://cbins.scigv.com/offence पर अपनी निजी जानकारी शेयर या अपलोड ना करें। सुप्रीम कोर्ट के तकनीकी विभाग ने आम नागरिकों को सख्त हिदायत दी है कि अव्वल तो वो इस लिंक पर क्लिक भी न करें। इससे आपको भीषण नुकसान हो सकता है। क्लिक करते ही ये नागरिकों से उनकी निजी जानकारी मसलन बैंक डिटेल, आधार, पैन आदि की जानकारी फर्जी OTP भेजकर शेयर करने को कहते हैं।

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रजिस्ट्री ने नागरिकों को स्पष्ट कहा है कि सुप्रीम कोर्ट कभी भी अपने नागरिकों से उनकी निजी और आर्थिक जानकारी कभी शेयर करने को नहीं कहता है। सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट www.sci.gov.in है। कभी भी किसी भी वेबसाइट के यूआरएल पर क्लिक करने से पहले अनिवार्य तौर पर वेरीफाई अवश्य करें। निश्चिंत होकर ही क्लिक करें।



कोर्ट प्रशासन ने आम नागरिकों को निर्देश भी दिया है कि ऑनलाइन आर्थिक फ्रॉड के पीड़ित नागरिक फ़ौरन अपने बैंक, क्रेडिट कार्ड कम्पनी या संबंधित आर्थिक संस्थान से संपर्क करें साथ ही अपने सभी अकाउंट के पासवर्ड बदल कर जितना हो सके उतना जटिल बना लें।


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जालसाजों ने बना डाली सुप्रीम कोर्ट की ही फर्जी वेबसाइट, कोर्ट प्रशासन ने आम नागरिकों को निर्देश भी दिया है कि ऑनलाइन आर्थिक फ्रॉड के पीड़ित नागरिक फ़ौरन अपने बैंक, क्रेडिट कार्ड कम्पनी या संबंधित आर्थिक संस्थान से संपर्क करें साथ ही अपने सभी अकाउंट के पासवर्ड बदल कर जितना हो सके उतना जटिल बना लें।

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