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सपनों और खुशियों का शहर है मुंबई

मुम्बई शहर अर्थात ख्वाबों की ताबीर का शहर...

काजल राज शेखर भट्ट
देहरादून (उत्तराखण्ड)

मुम्बई शहर अर्थात ख्वाबों की ताबीर का शहर, एक ऐसा शहर जहां लाखों लोग आंखों में ढ़ेर सारे सपने लिए रोज आते हैं। अपने सपनों को पूरा करने के लिए मायानगरी मुंबई में दिन-रात कोशिशें करते हैं। वैसे ये शहर भी कोशिश करने वालों को कामयाबी का मजा भी जरूर चखाता है। यहां लाखों लोगों ने फुटपाथ से आलीशन घर तक का, फर्श से अर्श तक का, आम से खास तक का और अनजान से शोहरत तक का सफर तय किया है। इस शहर में फटी जेब और आसमां छू लेने का ख्वाब रखने वाले लोगों के ख्वाब यहां हकीकत में बदले हैं।

कहते हैं कि ये शहर कभी नहीं सोता है, यहां दिन रात लोग, सड़कें सब कुछ भागता रहता है और शायद इसलिए ये शहर इतना खास भी है। सच है कि इस शहर की चकाचैंध के पीछे एक अलग दुनिया भी है। जिसमें कईं कहानियां दफन हैं, लेकिन फिर भी ये शहर लाजवाब है। यहां की बात बेमिसाल है, इसमें कोई दोराय नहीं है। ये शहर ना जाने कितने लोगों के सपनों को पूरा कर उनके दामन को खुशियों से भर चुका है।

मुंबई एक सपनों की नगरी, फटी जेब और आसमां छू लेने का ख्वाब

यहां रात भर रोशनी से भरी हुई चकाचैंध सड़कें हैं, जो इस बात का एहसास करवाती हैं कि ऐसे ये शहर खास है। दिल को सुकून देने वाली अक्सा बीच, जुहू चैपाटी भी इस शहर में आने वालों के चेहरे पर मुस्कान ले आता है। आम्ची मुंबई का चटपटा स्ट्रीट फूड तो लाजवाब है ही, इसे देखकर ही मुंह में पानी आना तो बनता है। अलग-अलग तरह के टेस्ट को अपने आप में समेटे यहां के खाने की बात ही निराली है। स्ट्रीट पर बनते हुए खाने को देखकर आप अपने आप रोक ही नहीं पाएंगे।

मुम्बई शहर के बारे में एक सबसे खास बात जो कही जाती है या समझी जाती है वो ये है कि शहर ना कभी रूकता है, ना कभी थकता है। यहां दिन में घूमने के लिए जितनी खूबसूरत और प्यारी जगहे हैं, यहां की नाइट लाइफ भी उतनी ही खास है। इसके अलावा जो लोग बाॅलीवुड के दीवाने हैं, एक्टिंग जिनके मन में बसती है, उनके लिए भी मुंबई बहुत खास है।

मुंबई लोकल में चढ़ना तथा उतरना ‘‘एक चुनौती’’

मुंबई लोकल के मजेदार सफर का लुत्फ भी आप यहां उठा पाएंगे। मुंबई लोकल में चढ़ते तथा उतरते समय आपको सभ्यता तथा सही तौर-तरीकों को बाजु में रखना होगा। यहाँ पर ऐसे मैनर्स को फोलो करना जायज नहीं है। जैसे की चढ़ने से पहले उतरने वाली सवारियों को उतरने दिया जाये। यहाँ तो जो अपने आप को जो धक्का-मुक्की करके कैसे भी ट्रेन के अन्दर घुसेड़ पाता है वही शूरवीर और वही सिकंदर होता है।

ट्रेन के दरवाजे यात्रियों से ठंसे पड़े होते हैं और ऐसी ही परिस्थिति में आपको चढ़ना भी होता है और उतरना भी। जो जीता वही सिकंदर की कहावत यहाँ सोलह आने सच साबित होती है। अपना स्टेशन आने से पहले ही आपको चैकन्ना हो जाना चाहिए और गेट पर पहुँच जाना चाहिए। बाकी का काम आपकी पीछे की भीड़ अपने आप कर देगी और आपको आगे धकेल कर उतार देगी।

पैर रखने की जगह का ‘‘जुगाड़’’

मुंबई लोकल ट्रेनों में आपको भिन्न-भिन्न प्रकार के लोग बैठे, खड़े, भीड़ में फंसे मिल जायेंगे। कोई महाराष्ट्र से, कोई गुजरात से कोई यूपी से तो कोई बिहार से। अपनी क्षमता से चार गुना लोगों को लादे ये लोकल ट्रेन के डिब्बे अगर आपको अपने दोनों पैर फ्लोर पर रखने की इजाजत दे देते हैं तो ये आपकी खुशनसीबी होगी।

भीड़ में फंसने के बाद आपको अपने अंगों के बारे में ही होश नहीं रहेगा की आपके हाथ कहाँ हैं, पैर कहाँ और सिर कहाँ। आपके सिर के आसपास और भी आठ दस सिर होंगे और हर एक सिर से एक अलग गंध आपके नथुनों को सुवासित करेगी। किसी सिर से चमेली तो किसी से आंवला किसी से मूंगफली तो किसी से सोयाबीन के तेल की गंध आपको मुंबई लोकल में होने का एहसास कराएगी। दुनिया का कोई भी परफ्यूम, कोई भी डीओडोरेंट कम्पार्टमेंट में फैली इस गंध को चुनौती नहीं दे सकता.

जीना है सबके लिए आसान

मुंबई एक ऐसा शहर है, जहां गरीब से गरीब लोग भी रह सकते हैं और अमीर से अमीर लोग भी। पीने के लिए वहां 10000 की भी चाय मिलती है ताज होटल में और 5 रूपये कटिंग भी चाय मिलती है। टपरी पर कम पैसों में स्टाइलिश कपडें खरीदने वालों के लिए भी ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है।

अगर आप मुम्बई शहर के निवासी हैं या कभी इस शहर में आए हैं, रुके हैं तो आपके लिए ये शहर बहुत ही खास होगा। आपके सपनों को परवाज देने के लिए भी इस जगह में ढ़ेरों अवसर है। अगर आपकी भी कोई खूबसूरत याद इस शहर से जुड़ी है या अगर आप भी इस शहर में जानकर अपनी किस्मत बनाने का ख्वाब रखते हैं तो आप भी दिल से कहिए ”लव यू मुंबई’’

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