जीवन में असंभव कुछ भी नहीं

सुनील कुमार माथुर
आदर्श जीवन जीना भी एक कला है और जिसने इस कला को सीख लिया समझों उसने जीवन को सही ढंग से जीना सीख लिया हैं चूंकि कि इस नश्वर संसार में कुछ भी असंभव नहीं है। बस हमारा डर व भय हमें कदम – कदम पर डराता है और हमें इसी डर को समाप्त करके अपने लक्ष्य की ओर बढना हैं ।
असम्भव को संभव करना ही तो हमारा मूल लक्ष्य है और इसी के साथ यह समझ लीजिये कि जीवन में कुछ भी मुश्किल नहीं है । आप भी इसे अपने जीवन का मूल मंत्र बना ले और निरन्तर जीवन में आगे बढते रहें । जिनके लक्ष्य निर्धारित होते हैं वे कम समय में ही अपनी मंजिल को हासिल कर लेते हैं चूंकि उन्हें पहले से ही पता होता हैं कि लक्ष्य को हासिल करने के मार्ग में कौन – कौन सी कठिनाइयां व दिक्कतें आयेगी और उनका निवारण कैसे करना होगा ।
जीवन में एक ही ऐसा लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए कि उसे पाने में भले ही अधिक समय लगें , लेकिन सफलता का डंका दूर – दूर तक बजे । व्यक्ति छोटे – छोटे ढेर सारे लक्ष्य एक साथ लेकर चलता हैं जिसकी वजह से वह किसी भी एक को भी पूरा नहीं कर पाता हैं और अनावश्यक अन्य उलझनों में उलझ जाता हैं चूंकि उसका ध्यान किसी एक पर नहीं रहता हैं और ध्यान बट जानें से वह असफल हो जाता हैं इसलिए कभी भी छोटे – छोटे ढेर सारे लक्ष्य एक निर्धारित नहीं करने चाहिए ।
कहतें है कि जब हौसले बुलंद हो तो हर मुश्किल राह आसान हो जाती हैं । आप जीवन के किसी भी क्षेत्र में जाना चाहें अगर आप अपने लक्ष्य पर टिके है तो कोई भी ताकत आपकों लक्ष्य हासिल करने से नहीं रोक सकती । जीवन में सुनें सबकी लेकिन करे वही जो आपका मन कहें । इसका तात्पर्य यह नहीं है कि आप अपनी मनमर्जी ही करें अपितु सबकी सुनें और जो – जो बातें अच्छी लगें । आपका मार्गदर्शन करें उसे जीवन में आत्मसात करें और फिर आगें बढें सफलता अवश्य ही मिलेगी ।
किसके जीवन में असफलता नहीं आती हैं । असफलता व कठिनाई सभी के जीवन में आती हैं लेकिन जो इन से हार न मानें और नई राह खोजते हुए आगे बढ जाता हैं वही तो विजेता कहलाता है । अतः जीवन में कभी भी हताश व निराश नहीं होना चाहिए अपितु और अधिक आत्मविश्वास के साथ आगें बढना चाहिए और मंजिल को हासिल कर लेना चाहिए ।
तभी तो कहते हैं कि सफल व्यक्ति वही हैं जिसे किताबी ज्ञान के साथ ही साथ व्यवहारिक ज्ञान भी हो । जीवन में किताबी ज्ञान हमें देश काल व परिस्थितियों से अवगत कराता हैं वही व्यवहारिक ज्ञान हमें आदर्श संस्कारों का ज्ञान व अनुभव कराता हैं आदर्श जीवन जीने की कला सिखाता है।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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