प्राकृतिक आपदाएं बन रही हैं कृषि उत्पाद में बाधक
ओम प्रकाश उनियाल
कृषि का दायरा दिनोंदिन सिमटता जा रहा है। कृषि के तहत केवल खेती ही नहीं अपितु पशुपालन, मत्स्य पालन, रेशम-कीट पालन, बागवानी, कृषि-वानिकी भी आती है। कभी खेतों में लहलहाती फसलें, बागों में फलदार वृक्षों की फलों से लकदक शाखाएं, घर के चौक-आंगन में रंभाते जानवर देखने को मिलते थे।
अन्न व दूध-घी की कमी नहीं होती थी। बदलते समय के साथ-साथ सबकुछ बदलने लगा है। आरामदायक जीवन जीने की ललक, प्रकृति की मार जैसे कारणों से सब धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। जो किसी तरह कृषि कार्य में लगे हुए हैं वे भी खींचतान कर जीवनयापन कर रहे हैं।
प्रकृति कब अपना रुख बदल ले, अनुमान नहीं लगाया जा सकता। आज जिस प्रकार से जलवायु-परिवर्तन हो रहा है उससे प्रकृति में भी बदलाव तेजी से हो रहा है। अचानक बेमौसम बरसात, अतिवृष्टि, समय पर बरसात न होना या अधिक गर्मी से सूखा पड़ना, आंधी-तूफान, ओलावृष्टि, अति बर्फबारी, बाढ़, आगजनी, भू-कटाव, जंगली जानवर, घटिया बीज, रसायनिक खादों व रसायनों का उपयोग जैसे कारक खेती को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
खेतों में खड़ी फसलें खत्म होने से किसान की आर्थिक स्थिति बिगड़ती है। जब उपज खराब होगी तो अन्न की कमी भी होगी, पशुओं के लिए चारे की कमी होगी। ऐसे में बागवानी भी इसी दौर से गुजरती है। धीरे-धीरे किसान ऋण के बोझ तले दबता रहता है।
दूसरे, जबसे ग्रामीण क्षेत्रों का शहरीकरण होने लगा तब से कृषि भूमि पर आवासीय भवनों का जाल बिछने लगा है। किसान जमीनें बेच रहे हैं। कुछ कृषि भूमि सड़कों के निर्माण कार्य जैसे विकास कार्यों की भेंट चढ़ रही है। फिर खेती बचेगी ही कितनी? कहां खेती होगी, कहां मत्स्य व पशुपालन होगा? सरकारें भी किसानों की मदद कुछ सीमा तक ही कर सकती है।
जैसे सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व पशुपालन, मत्स्य पालन व बागवानी आदि में सब्सिडि देेने की योजनाएं चलायी तो हुयी हैं। लेकिन उससे तो नुकसान की पूरी भरपायी होना मुश्किल होता है। समस्याएं सुलझने के बजाय उलझती रहती हैं। वर्तमान सरकार तो किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किए हुए है।
दिन-रात हाड़तोड़ मेहनत करके भी उसको मेहनत का फल न मिले तो किसान निराशा में ही डूबेगा। कृषि एवं कृषि से संबंधित क्षेत्रों के विकास हेतु सरकार भरसक प्रयास जरूर कर रही है लेकिन आपदाओं की मार को तो शायद ही कोई भी सरकार रोक पाने में समर्थ होगी।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »ओम प्रकाश उनियाललेखक एवं स्वतंत्र पत्रकारAddress »कारगी ग्रांट, देहरादून (उत्तराखण्ड) | Mob : +91-9760204664Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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