साहित्य लहर
साहित्यकार की कलम से : देवभूमि जीवन में क्या आया?

सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
देवभूमि जीवन में क्या आया
साहित्य सृजन का अलख जगा दिया
दिन हो या रात हर वक्त
चिंतन मनन के लिए छोड़ दिया
बैठे ठाले व निठल्लों को
साहित्य का ज्ञान करा रहा हैं
समय समय पर पटल पर आकर
ढेरों पठनीय, ज्ञानवर्धक व
प्रेरणादायक सामग्री यह
जन जन को दे जाता हैं
देवभूमि जीवन में क्या आया
जन जन की चेतना को
उसने जागृत कर दिया
श्रेष्ठ लेखन के लिए साहित्यकारों को
यह हर बार सजग कर जाता है
यही वजह है कि
देवभूमि जब जब पटल पर आता हैं
तब वह
ढेरों सामग्री लेकर आता हैं और
पाठकों को ढेरों ज्ञानवर्धक व
प्रेरणादायक सामग्री परोस जाता है
धन्यवाद हैं संपादक मंडल को जो
साहित्यकारों को लगातार
प्रोत्साहन देकर
अपना मानवीय धर्म निभा रहा हैं