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उत्तराखण्ड समाचार

नहीं थी वोट डालने की उम्र तो बुजुर्गों का कंधा बन गईं बेटियां

स्कॉलर्स होम मतदान केंद्र पर सेवा में जुटी खुशबू और कंचन का कहना था कि मतदान के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए वालंटियर्स के रूप में काम करना सबसे अच्छा तरीका है। हर चुनाव में छात्रों को इस तरह के काम में आगे आना चाहिए।

देहरादून। भले ही वोट डालने के लिए कम उम्र बाधा हो, लेकिन लोकतंत्र को मजबूत करने में योगदान देने के और भी तरीके हो सकते हैं। ऐसा ही नजारा कई मतदान केंद्रों पर दिखा। जहां इंटरमीडिएट की छात्राएं बुजुर्गों को सहारा देकर बूथ स्थल तक ले जा रही थीं।

यही नहीं मतदाता सूची में उनके नाम बताने के साथ ही अन्य प्रकार से मदद भी कर रही थीं। राजकीय कन्या इंटर कॉलेज राजपुर रोड की एनएसएस एवं एनसीसी की 50 से अधिक छात्राओं ने मतदान के दिन केंद्रों पर पहुंचने वाले बुजुर्गों, दिव्यांगों और जरूरतमंदों की मदद का बीड़ा उठाया।

ये छात्राएं जेआरडी इंस्टीट्यूट, स्कॉलर्स होम, केंद्रीय विद्यालय में उत्साह के साथ लोगोें की मदद कर रही थीं। जेआरडी इंस्टीट्यूट में छात्रा स्नेहा खत्री, सलोनी, सुषमा, अंजलि, खुशी, साक्षी, खुशबू, कंचन, राक्टा एवं अंजलि आदि पूरी मुस्तैदी के साथ मतदाताओं की मदद करने में जुटी थीं।

छात्राओं का कहना था कि भले ही कम उम्र के चलते वोट नहीं दे पा रही हैं, लेकिन इस काम में सहयोग कर लोकतंत्र को मजबूत करने का फर्ज जरूर निभाकर खुशी का अनुभव कर रही हैं। स्कॉलर्स होम मतदान केंद्र पर सेवा में जुटी खुशबू और कंचन का कहना था कि मतदान के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए वालंटियर्स के रूप में काम करना सबसे अच्छा तरीका है। हर चुनाव में छात्रों को इस तरह के काम में आगे आना चाहिए।


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