उत्तराखण्ड समाचार

भाजपा विधायक जीना पर बदसलूकी का आरोप

जब उन्होंने आपत्ति की तो वह व्यक्ति नगर आयुक्त के कार्यालय में पहुंच गया। वहां जब उन्होंने नगर आयुक्त से टेंडर के बारे में जानकारी चाही तो उन्होंने मना कर दिया और उनके साथ तू-तड़ाक से बात की। कहा कि उन पर बेटे को टेंडर दिलाने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया।

देहरादून। सल्ट से भाजपा विधायक महेश जीना ने नगर निगम में जमकर हंगामा किया। आरोप है कि परिचित का टेंडर निरस्त होने पर विधायक ने पहले कर्मचारियों के साथ गालीगलौज की, इसके बाद कार्यालय में घुसकर नगर आयुक्त के साथ बदसलूकी और गालीगलौज की। विधायक के इस व्यवहार से नगर निगम कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया। कर्मचारियों ने निगम का काम-काज ठप कर आज से सफाई सहित सभी कार्य ठप कर हड़ताल की घोषणा कर दी है। कर्मचारियों चेतावनी दी कि विधायक जब तक माफी नहीं मांगते तब तक कर्मचारी हड़ताल वापस नहीं लेंगे।

हाल ही में नगर निगम की ओर से सहस्रधारा रोड स्थित लीगेसी वेस्ट को खत्म करने के लिए टेंडर डाले गए थे। टेक्निकल बिड में पांच कंपनियां ही पहुंच पाई थीं। इसमें तीन कंपनियों को मानक पूरा न करने पर बाहर दिया था। बताया जा रहा है, इसमें से एक कंपनी सल्ट से भाजपा विधायक महेश जीना के परिचित की थी। टेंडर निरस्त होने से बौखलाए विधायक समर्थकों के साथ दोपहर बाद नगर निगम पहुंचे। पहले उन्होंने सहायक आयुक्त एसपी जोशी के कक्ष में जाकर कर्मचारियों को टेंडर की फाइल दिखाने को कहा। एसपी जोशी मौके पर मौजूद नहीं थे।

बताया जा रहा है कि इसके बाद उन्होंने वहां मौजूद हेड क्लर्क पवन थापा को जिसका टेंडर खुला है, उसकी फाइल दिखाने को कहा। हेड क्लर्क ने जब फाइल दिखाने से मना किया तो आरोप है कि विधायक ने पवन थापा के साथ गालीगलौज और बदतमीजी शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि हेड क्लर्क जब इस बात को लेकर नगर आयुक्त कार्यालय पहुंचा तो विधायक महेश जीना भी नगर आयुक्त के कार्यालय में पहुंच गए। आरोप है कि टेंडर को लेकर उनकी नगर आयुक्त के साथ बहस हो गई। विधायक टेंडर की फाइल और जिस कमी के कारण उनके परिचित का टेंडर निरस्त किया गया, उसके बारे में बताने को कहने लगे।

जब नगर आयुक्त ने मना किया तो विधायक आक्रोशित हो गए और आरोप है कि उन्होंने नगर आयुक्त के साथ बदसलूकी शुरू कर दी। शोर सुनकर नगर निगम के कर्मचारी भी वहां पहुंच गए। कर्मचारियों के सामने भी विधायक सत्ता की हनक दिखाते रहे। बाद में और कर्मचारियों के जमा होने पर विधायक धमकी देकर वहां चले गए। विधायक का नगर आयुक्त से बदसलूकी का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। सत्ता पक्ष के विधायक की हनक का नुकसान अब आम लोगों को भुगतना पड़ेगा।

नगर आयुक्त और कर्मचारियों के साथ विधायक की ओर से की गई बदसलूकी और गालीगलौज से निगम के कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया है। निगम कर्मचारी संघ ने विधायक के इस व्यवहार पर आक्रोश जताते हुए आज से सफाई व्यवस्था के साथ ही सभी कार्य ठप करने का ऐलान कर दिया है। कर्मचारियों नेता नाम बहादुर, सतेंद्र कुमार ने कहा कि विधायक की ओर से इस प्रकार से कर्मचारियों और नगर आयुक्त के साथ बदसलूकी किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कहा कि सत्ता की हनक में उन्होंने यह सब कार्य किया है, लेकिन कर्मचारी चुप नहीं बैठेंगे।



उन्होंने कहा कि जब तक विधायक सार्वजनिक रूप से अपने इस व्यवहार के लिए माफी नहीं मांगते और विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती निगम के सभी कर्मचारी कार्यबहिष्कार पर रहेंगे। मंगलवार रात से ही कर्मचारियों ने कूड़ा उठान कार्य ठप कर दिया है। कहा कि बुधवार को कूड़ा उठान का कार्य पूरी तरह से ठप रहेगा। यह कार्यबहिष्कार विधायक के माफी मांगने तक जारी रहेगा। उधर इस मामले में विधायक सल्ट महेश जीना ने कहा कि उन पर बेवजह बदसलूकी का आरोप लगाकर मामले का तूल दिया जा रहा है। कहा कि उनके एक परिचित ने सहस्रधारा रोड स्थित लीगेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए टेंडर डाला था। उसे निरस्त कर दिया गया।



परिचित ने उनसे शिकायत की थी कि बिना कारण बताए निगम अधिकारियों ने अपने चहेतों को टेंडर दे दिया है। उनकी शिकायत के बाद वह निगम पहुंचे थे। वहां पहुंचकर उन्होंने नगर आयुक्त को फोन किया, लेकिन उन्होंने सचिवालय में होने की बात कही। जब वह जहां टेंडर की फाइल रखी गई थी वहां पहुंचे और उनसे फाइल दिखाने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया। कहा कि जो उस समय उनसे बात कर रहा था वह कर्मचारी नहीं कोई और था।



जब उन्होंने आपत्ति की तो वह व्यक्ति नगर आयुक्त के कार्यालय में पहुंच गया। वहां जब उन्होंने नगर आयुक्त से टेंडर के बारे में जानकारी चाही तो उन्होंने मना कर दिया और उनके साथ तू-तड़ाक से बात की। कहा कि उन पर बेटे को टेंडर दिलाने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया। जबकि यह टेंडर उनके बेटे का नहीं बल्कि परिचित का था। इसकी पड़ताल भी की जा सकती है। आरोप लगाया कि निगम में अधिकारी भ्रष्टाचार में लगे हुए हैं। अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए अपने हिसाब से टेंडर की शर्तें तय करते हैं। इस पर उन्हें आपत्ति थी।


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