उत्तराखण्ड समाचार

हल्दापानी भू-धंसाव एरिया में जमीन से हो रही पानी की निकासी

लोगों का कहना है कि क्षेत्र में मिट्टी की धारण क्षमता कम है, जो पानी के साथ जल्दी ही नीचे बैठ रही है। जिसके कारण आसपास के मकानों को खतरा हो रहा है। हल्दापानी भूस्खलन के ट्रीटमेंट के लिए 80 करोड़ का बजट मंजूर किया गया है। जनवरी महीने से यहां पर ट्रीटमेंट कार्य शुरू हुआ। 

गोपेश्वर (चमोली)। हल्दापानी भूस्खलन क्षेत्र का इन दिनों ट्रीटमेंट कार्य चल रहा है। यहां जमीन से जगह-जगह पानी का रिसाव भी होने लगा है, सेल्फ ड्रीलिंग से कई घरों में दरारें भी चौड़ी हो गई हैं। जिससे स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। प्रभावित परिवारों का कहना है कि बिना भूमिगत जल की निकासी और ड्रेनेज सिस्टम सुधारे भू-धंसाव क्षेत्र का उपचार किया जा रहा है।

हल्दापानी भू-धंसाव क्षेत्र में लगभग 80 परिवार रहते हैं हैं। इसका उपचार करने के लिए इन दिनों सिंचाई विभाग की ओर से यहां 65 मीटर चौड़े और 55 मीटर लंबे क्षेत्र में सेल्फ ड्रीलिंग की जा रही है। यह कार्य चार चरणों में किया जा रहा है। सड़क से लेकर अंतिम छोर तक जगह-जगह पाइलिंग की जा रही है। मशीनों से जमीन में ड्रिल करके बड़े-बड़े पाइप व मोटे सरिये डाले जा रहे हैं।

लोगों का कहना है कि क्षेत्र में मिट्टी की धारण क्षमता कम है, जो पानी के साथ जल्दी ही नीचे बैठ रही है। जिसके कारण आसपास के मकानों को खतरा हो रहा है। हल्दापानी भूस्खलन के ट्रीटमेंट के लिए 80 करोड़ का बजट मंजूर किया गया है। जनवरी महीने से यहां पर ट्रीटमेंट कार्य शुरू हुआ। अभी तक इस कार्य में करीब 40 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। इस कार्य को सितंबर माह में पूरा किया जाना है।

  • पिछले दो साल से हल्दापानी में भू-धंसाव हो रहा है। चमोली-गोपेश्वर-मंडल हाईवे भी नीचे की ओर झुक रहा है। क्षेत्र में ड्रिलिंग करने के बाद से घरों में पानी का रिसाव हो रहा है। मकानों में दरारें बढ़ गई हैं। कई बार सिंचाई विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दे चुके, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। -अनीता नेगी, भू-धंसाव प्रभावित
  • हल्दापानी भू-धंंसाव प्रभावितों को विस्थापित किया जाना चाहिए। साथ ही क्षतिग्रस्त भवनों का मुआवजा दिया जाए। गत वर्ष प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे जनपद के प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जोशीमठ आपदा की तर्ज पर यहां के प्रभावितों को भी मुआवजा और किराया देने की बात कही थी, लेकिन किसी भी प्रभावित को मुआवजे का भुगतान नहीं हुआ है। लोग डर के साए में रात गुजार रहे हैं। – ऊषा रावत, 
  • भू-धंसाव एरिया का ट्रीटमेंट तो किया जा रहा है, लेकिन जब तक क्षेत्र का ड्रेनेज सिस्टम नहीं सुधारा जाएगा, तब तक भू-धंसाव नहीं रुक पाएगा। सिंचाई विभाग अभी तक ट्रीटमेंट पर करीब 40 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है, लेकिन भू-धंसाव जस का तस है। घर रहने लायक नहीं रह गए हैं। – मुकेश नेगी, प्रभावित, हल्दापानी, गोपेश्वर
  • भू-धंसाव का ट्रीटमेंट कार्य लगातार जारी है। प्रभावित क्षेत्र में सीवरेज की दिक्कत है। किसी भी भवन को सीवर लाइन से नहीं जोड़ा गया है, जिससे भू-धंसाव एरिया में सीवर के पानी का रिसाव हो रहा है। ट्रीटमेंट के बाद इस एरिया में वर्षा जल की निकासी की पर्याप्त व्यवस्था की जा जाएगी। घरों से पानी निकलने की बात निराधार है। फिर भी इसे दिखवाया जाएगा। – अरविंद नेगी, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग गोपेश्वर

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