उत्तराखण्ड समाचार

प्रदेश को मिले 996 वन आरक्षी और सहायक लेखाकार

उन्होंने वन आरक्षियों को फ्रंट लाइन वर्कर बताते हुए कहा कि जंगल को बचाने और मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने एवं वनाग्नि को रोकने का भी उनका दायित्व रहेगा। प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने कहा, नियुक्तिपत्र वितरण जैसे समारोह पहले आयोजित नहीं होते थे। ऐसे अवसर युवाओं में आत्मविश्वास जगाने के साथ उन्हें कार्यक्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने में मददगार होते है। 

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को लोक सेवा आयोग की वन आरक्षी और सहायक लेखाकार परीक्षाएं पास करने वाले 996 युवाओं को नियुक्तिपत्र बांटे। इस मौके पर सीएम धामी ने युवाओं से आह्वान किया कि वे राज्य के विकास में ईमानदार प्रयास करें। सोमवार को गढ़ी कैंट स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र के ऑडिटोरियम में वन विभाग के नियुक्तिपत्र वितरण समारोह में सीएम ने 892 वन आरक्षी और 104 सहायक लेखाकारों को नियुक्तिपत्र प्रदान किए।

नियुक्ति पाने वाले 104 सहायक लेखाकारों में 59 वन तथा 45 तकनीकी शिक्षा विभाग के शामिल हैं। विभाग के अधीन अप्रैल 2017 से अब तक समूह-ग के 4,406 पदों पर नियुक्ति की गई है, जिसमें जुलाई 2021 से अब तक 2,528 नियुक्तियां शामिल हैं। सीएम ने सभी नवनियुक्त कार्मिकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अब वे उत्तराखंड शासन, प्रशासन का हिस्सा बनने जा रहे हैं। उन्होंने अपेक्षा की कि सभी सच्ची लगन और मेहनत से अपने कार्य को निपुणता से करेंगे।

कहा, हमारा प्रयास है कि त्वरित रूप से विभागों के रिक्त पदों पर प्रदेश के होनहार नौजवानों को अवसर प्रदान कराए जाएं। यह अभियान लगातार और तेज गति से चल रहा है। कहा, पूर्व की सरकारों में भर्ती प्रक्रियाओं में हो रही धांधली की शिकायतें को दूर कर हमने व्यापक बदलाव किया है। पहले की सरकारों में नौकरी के लिए विज्ञापन जारी होने से लेकर नियुक्तिपत्र देने तक बहुत लंबा समय लग जाता था। इस देरी का फायदा उठाकर रिश्वतखोरों की ओर से जमकर रिश्वत का खेल होता था।

कहा, पूर्व की सरकारों की ओर से भर्ती प्रक्रियाओं पर लगाए गए कलंक को मिटाने के लिए ही हमने राज्य में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया है। वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने युवाओं को बधाई देते हुए कहा, राज्य का 71 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र के अधीन है। प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता के साथ वन एवं पर्यावरण की सुरक्षा का कार्य वन आरक्षियों का रहता है।

उन्होंने वन आरक्षियों को फ्रंट लाइन वर्कर बताते हुए कहा कि जंगल को बचाने और मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने एवं वनाग्नि को रोकने का भी उनका दायित्व रहेगा। प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने कहा, नियुक्तिपत्र वितरण जैसे समारोह पहले आयोजित नहीं होते थे। ऐसे अवसर युवाओं में आत्मविश्वास जगाने के साथ उन्हें कार्यक्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने में मददगार होते है। इस मौके पर वन प्रमुख (हॉफ) अनूप मलिक, सचिव तकनीकी शिक्षा रविनाथ रमन भी मौजूद रहे।


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