उत्तराखण्ड समाचार

क्या यही है सत्ता की हनक और पैसे की खनक, जो माननीय मंत्री ने किया

क्या यही है सत्ता की हनक और पैसे की खनक, जो माननीय मंत्री ने किया, अगर न्याय प्रणाली के हिसाब से यह चलते तो अंकिता हत्याकांड और उस मासूम बच्ची पर जो जो परेशानियां आई, उसका निदान अब तक मिल चुका होता। रही बात भारत के प्रधानमंत्री महोदय की।

देहरादून। क्या यही सत्ता की हनक और पैसे की खनक है, जो माननीय मंत्री ने किया? यदि बात करें न्याय प्रणाली की तो सब शून्य नजर आता है। लगता है कि इस मामले पर भी न मंत्री पर कोई कार्रवाई होने वाली, ना पुलिस पर। क्योंकि यह डबल इंजन सरकार है और उनके हाथ में पावर है, तो यह कुछ भी कर सकते हैं। आम आदमी को मारना पीटना उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है और खुद को खास आदमी कहते हैं। अगर इनमें डर ना हो और इनमें थोड़ा बहुत भी शक्ति हो तो पुलिस वालों को साथ में लेकर ना घूम रहे होते। मेरी नजर में यह बहुत ही बड़ी निंदनीय बात है कि एक वित्त मंत्री, उत्तराखंड सरकार… गाली गलौज करें और मारपीट पर उतर आए।

अगर न्याय प्रणाली के हिसाब से यह चलते तो अंकिता हत्याकांड और उस मासूम बच्ची पर जो जो परेशानियां आई, उसका निदान अब तक मिल चुका होता। रही बात भारत के प्रधानमंत्री महोदय की। वह केवल जुमलेबाज और बातों से अपनी तरफ आकर्षित करना जानते हैं। इसके अलावा कुछ भी नहीं। सिर्फ इतना कहकर काम नहीं बनता कि मैं तो एक फकीर हूं, झोला उठाकर चल दूंगा। लेकिन जितने लोग आपके शासनकाल के दौरान भारत का पैसा लेकर बाहर गए हैं और जो जो आपत्तियां आप पर भी जनता के सामने आई हैं, उनका जवाब भी आपके पास नहीं है।

खैर मामला एक छोटा सा है कि आम आदमी को एक मंत्री ने मारा है, यह कोई मायने नहीं रखता। क्योंकि आप इसके खिलाफ कुछ नहीं करेंगे। हां अगर ऐसा होता कि मंत्री को आम आदमी ने कुछ कर दिया होता, शायद उस पर पता नहीं कौन-कौन सी धाराएं लगाकर उसको जेल की सलाखों के पीछे कर दिया होता। बहरहाल, अब जनता को फैसला देना होगा, जिससे नेता मंत्री विधायकों का नहीं, बल्कि आम आदमी का विकास हो, क्षेत्र का विकास हो, राज्य का विकास हो और देश का विकास हो।


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यदि ऋषिकेश में हुयी इस घटना की बात करें तो कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और एक युवक में हाथापाई का मामला सामने आया। हाथापाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जानकारी के अनुसार, उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री एवं शहरी विकास मंत्री एक कार्यक्रम से निकलकर अपनी कार से जा रहे थे। इस दौरान वे जाम में रुक गए, तभी दो युवक बाइक से उतरे और कार के आगे आकर अपनी समस्या बताने लगे। इसी दौरान मंत्री और युवक में तीखी बहस शुरू हो गई जो देखते ही देखते हथापाई में बदल गई।

वीडियो में साफ-साफ देखा गया है कि मंत्री महोदय ने मारपीट की शुरूआत की है। लेकिन मंत्री अग्रवाल के पीए कौशल बिल्जवाण ने बताया कि युवक ने पहले मंत्री को गाली दी फिर कॉलर पकड़ा और पीछे धकेलने लगा। यहां यह भी कहा जा सकता है कि सीधी और साफ बात है कि मंत्री का पीए मंत्री का साथ नहीं तो किसका साथ साथ देगा, उसे भी रोटी खानी है। हो सकता है कि वह मंत्री का खास चापलूस हो और उसे भी अपना पीए का पद बचाने की जरूरत है। इस दौरान मंत्री जी का उनका कुर्ता फट गया। यह बात भी साफ है कि ‘‘भैया एक राज्य के विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हो, वर्तमान में मंत्री पद पर हो, विधानसभा भर्ती घोटाले का आरोप झेल चुके हो और अब गाड़ी से उतरकर मारपीट में घुसोगे तो कुर्ता तो फटेगा ही।’’

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि भारद्वाज हॉस्पिटल के पास निर्माण कार्यों के चलते जाम लगा हुआ था। इस दौरान दो बाइक सवार युवक उनके वाहन के बगल में आकर गाली गलौज करने लगे और उनके वाहन के शीशे पर प्रहार करने लगे। इस दौरान वाहन से उतरकर उन्होंने गाली गलौज करने को लेकर युवक को समझाया। लेकिन युवक ने उनका कॉलर पकड़ते हुए हाथापाई शुरू कर दी। जिसमें उनका कुर्ता भी फट गया।



मंत्री जी की बात सुनकर हम भी दोराहे पर आकर खड़े हो चुके हैं। यदि मंत्री जी सत्य कह रहे हैं तो वीडियो की फॉरेंसिक जांच कराई जानी चाहिए। क्योंकि वीडियो तो कुछ और बात ही बयां कर रहा है कि मंत्री महोदय किस तरह एक मवाली गुण्डे की तरह अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं। उससे भी बड़ी बात यह है कि मंत्री जी ने गलती की या नहीं कि यह तो राजनीति का झोल है, लेकिन वीडियो कुछ और कहता है। मंत्री जी के बयान और एफआईआर कुछ और बयां करती है। वो दो युवक इतने बलशाली निकले कि मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, पीए कौशल बिल्जवाण और सुरक्षाकर्मी/पुलिसकर्मी के साथ होते हुये भी जंग हार गये।



कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर हाथापाई के आरोपियों को गायब करने का आरोप लगाया। बड़ी संख्या में कार्यकर्ता कोतवाली पहुंचे और प्रदर्शन किया। इस दौरान वहां भाजपा कार्यकर्ता भी पहुंच गए। दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। वहीं, मामला बढ़ता देख ऋषिकेश के समीपवर्ती सभी थानों व कोतवाली से पुलिस बल बुलाया गया है।

।।साभार वीडियो।।


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क्या यही है सत्ता की हनक और पैसे की खनक, जो माननीय मंत्री ने किया, अगर न्याय प्रणाली के हिसाब से यह चलते तो अंकिता हत्याकांड और उस मासूम बच्ची पर जो जो परेशानियां आई, उसका निदान अब तक मिल चुका होता। रही बात भारत के प्रधानमंत्री महोदय की।

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