अपराधउत्तराखण्ड समाचार

TIDE के नाम पर नकली डिटर्जेंट बेचने वाले गिरफ्तार

देवभूमि का भविष्य क्या होगा, यह तो भविष्य ही जाने...

देवबंद में फ्रूट बेचने का काम करते थे, लेकिन काम नहीं चल पा रहा था। तब से यह काम शुरू किया, क्योंकि इसमें मुनाफा ज्यादा था।

ऋषिकेश। बुरे कार्य करने वालों की भी किसी भी युग में कमी नहीं रही है और फिर आज का समय तो घोर कलयुग के आगोश में है। देवभूमि उत्तराखण्ड में भी अपराध का साया पड़ गया है। हर चीज में मिलावट का रास्ता अपनाया जा रहा है। धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर भी ऐसे कार्य होने लगे हैं।

कोतवाली पुलिस ने टाइड कंपनी के नाम पर नकली डिटर्जेंट बेचने के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 306 पैकेट नकली डिटर्जेंट पाउडर बरामद किया गया है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि बीते बुधवार को प्राप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की गयी है। मौके पर दो व्यक्ति एक छोटा हाथी वाहन में नकली डिटर्जेंट पाउडर बेचते हुये पाये गये।

इस मामले में पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर मौजूद व्यक्तियों से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि दो व्यक्ति एक छोटा हाथी वाहन में टाइड के नाम से नकली डिटर्जेंट पाउडर गुमानीवाला क्षेत्र में बेच रहे थे। पूछताछ से पता चला कि वह दोनों देवबंद में फ्रूट बेचने का काम करते थे, लेकिन काम नहीं चल पा रहा था। उनका जस्सी नाम के व्यक्ति से संपर्क हुआ और तब से यह काम शुरू किया, क्योंकि इसमें मुनाफा ज्यादा था।

बहरहाल, धार्मिक नगरी और पर्यटन स्थल ऋषिकेश में ऐसा होना कोई बड़ी बात नहीं है। जहां कुछ दिन पूर्व ही अंकिता की हत्या हुयी और मामला अभी भी अधर पर लटका हुआ है। मामला एसआईटी और कोर्ट कचहरी तक सीमित हो गया है। अंकिता के परिजनों को शासन-प्रशासन ने आश्वासन और पैसे देकर फैसले का इंतजार आने तक टकटकी लगाने के लिए रोक दिया है। पयर्टकों के साथ चोरी की घटनायें होती जा रही हैं। बाबा, बाबा की जान ले रहा है। देवभूमि का भविष्य क्या होगा, यह तो भविष्य ही जाने।

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