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भविष्य एवं शिक्षा के अधिकार का मूर्त रूप है पुस्तकालय

भविष्य एवं शिक्षा के अधिकार का मूर्त रूप है पुस्तकालय… इस पुस्तकालय के होने से पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों में खुशी है। पुस्तकालय की स्थापना के लिए जीविका और जिला प्रशासन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह पुस्तकालय न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि समुदाय के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 

औरंगाबाद (बिहार)। स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के बच्चों को बेहतर भविष्य एवं मार्गदर्शन और संसाधन उपलब्ध उद्देश्यके लिए 13 फरवरी 2023 को औरंगाबाद जिले के बारुण प्रखंड कार्यालय के परिसर में जीविका सामुदायिक पुस्तकालय सह कैरियर विकास केंद्र की स्थापना की गई। बारुण पुस्तकालय सह कैरियर विकास केंद्र का संचालन वारुण आंचल जीविका संकुल स्तरीय संघ द्वारा जीविका सामुदायिक पुस्तकालय सह। कैरियर विकास केंद्र का प्रबंधन के लिए सरिता देवी को विद्या दीदी के रूप में चुना गया है।

पुस्तकालय में अभी तक कुल 1032 बच्चों का नामांकन किया गया है। नामांकन शुल्क पूरी तरह निःशुल्क है और बच्चों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है। बच्चे यहां सेल्फ स्टडी के लिए आते हैं। पुस्तकालय का माहौल पढ़ाई के लिए अनुकूल है, जहां पीने का पानी और शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। पुस्तकालय में वाई-फाई की सुविधा भी है, जिससे बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं। पुस्तकालय में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए हर प्रकार की किताबें उपलब्ध हैं, जो बच्चों की पढ़ाई में सहायक होती हैं।

इस पुस्तकालय के होने से पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों में खुशी है। पुस्तकालय की स्थापना के लिए जीविका और जिला प्रशासन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह पुस्तकालय न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि समुदाय के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस पुस्तकालय सह कैरियर विकास केंद्र ने सदस्यों के बच्चों के जीवन में एक नई उम्मीद की किरण जगाई है। यह केंद्र न केवल बच्चों की शिक्षा में मदद कर रहा है, बल्कि उनके उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

इस प्रकार, बारुण प्रखंड का जीविका सामुदायिक पुस्तकालय सह कैरियर विकास केंद्र सदस्यों के बच्चों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन चुका है। यह न केवल उनकी पढ़ाई में सहायक है बल्कि उनके समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। औरंगाबाद जिले जीविका के प्रशिक्षण पदाधिकारी प्रवीण कुमार पाठक ने कहा कि पुस्तकालय भविष्य एवं शिक्षा के अधिकार को मूर्त रूप देने मेंसक्षम है।

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भविष्य एवं शिक्षा के अधिकार का मूर्त रूप है पुस्तकालय... इस पुस्तकालय के होने से पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों में खुशी है। पुस्तकालय की स्थापना के लिए जीविका और जिला प्रशासन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह पुस्तकालय न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि समुदाय के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 

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