साहित्य लहर

कविता : भगवती वंदना

कविता : भगवती वंदना… मां भगवती सदैव आपका चिंतन मनन करुँ भले नर्क की यातना झेलू भले स्वर्ग के आमोद-प्रमोद में रहूँ। मां भगवती सदैव आपके उन्माद में रहूँ। #डॉ.राजीव डोगरा

मां भगवती सदैव आपकी शरण रहूँ
भले दुखों का प्रहार हो
भले सुखों की बाहर हो।

मां भगवती सदैव आपकी चरणवन्दना करुँ
भले लोग मेरे खिलाफ़ हो
भले लोग मेरे साथ हो।

मां भगवती सदैव आपका चिंतन मनन करुँ
भले नर्क की यातना झेलू
भले स्वर्ग के आमोद-प्रमोद में रहूँ।

मां भगवती सदैव आपके उन्माद में रहूँ।
भले मुझ में सिद्धि वास करें
भले मुझ में रिद्धि उल्लास करें।


डॉ.राजीव डोगरा
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश (युवा कवि लेखक) (हिंदी अध्यापक) पता-गांव जनयानकड़
पिन कोड -176038 कांगड़ा हिमाचल प्रदेश

उत्तराखंड की संस्कृति के सच्चे दूत बने प्रवासी भाई-बहन : डॉ निशंक


कविता : भगवती वंदना... मां भगवती सदैव आपका चिंतन मनन करुँ भले नर्क की यातना झेलू भले स्वर्ग के आमोद-प्रमोद में रहूँ। मां भगवती सदैव आपके उन्माद में रहूँ। #डॉ.राजीव डोगरा

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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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