दिल्ली का दिल कौन जीतेगा…?

दिल्ली का दिल कौन जीतेगा…? कांग्रेस के दम भरने से त्रिकोणीय मुकाबला रहा। भाजपा और आप अपनी-अपनी जीत के दावे ठोक रहे हैं। दोनों ही पूरी तरह आश्वस्त हैं। पढ़ें देहरादून से ओम प्रकाश उनियाल की रिपोर्ट…
दिल्ली एमसीडी चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गए हैं। 250 वार्डों के लिए मतदाताओं ने मतदान किया। इस बार स्थिति क्या होगी। फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता। परिणाम आने पर ही पता चलेगा। दिल्ली में सरकार ‘आप’ की है और एमसीडी की कमान पिछले 15 सालों से भाजपा थामे हुए है।
दिल्ली की जनता क्या इस बार परिवर्तन चाहती है? यह सवाल भी अहम बना हुआ है? मोदी का जादू इस बार पूर्व की तरह मतदाताओं पर कितना चला यह भाजपा, आप व कांग्रेस के बीच चुनाव से पहले जबरदस्त मुकाबले में देखने को मिला। असली मुकाबला आप और भाजपा के बीच ही चला। कांग्रेस के दम भरने से त्रिकोणीय मुकाबला रहा।
भाजपा और आप अपनी-अपनी जीत के दावे ठोक रहे हैं। दोनों ही पूरी तरह आश्वस्त हैं। केंद्र में मोदी सरकार है तो राज्य में केजरीवाल सरकार। विकास के नाम पर दोनों दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। ‘आप’ जहां भाजपा पर दिल्ली की सूरत बिगाड़ने का आरोप लगाती है तो वहीं भाजपा आप को दिल्ली के विकास में बाधक बताती है।
कांग्रेस तो दोनों को ही कोसती रही है। जनता ने तो अपना फैसला सुना दिया है। प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटियों में बंद है। परिणाम आने पर जो जीता वही सिकंदर होगा। आखिर, दिल्ली का दिल कौन जीतेगा?
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