ट्राइसिटी के कवियों ने अपनी कविताओं से माहौल किया काव्यमय, श्रोतागण हुए मंत्रमुग्ध

ट्राइसिटी के कवियों ने अपनी कविताओं से माहौल किया काव्यमय, श्रोतागण हुए मंत्रमुग्ध… सत्यवती आचार्य ने कहा कि वह आह्लादित, उत्साहित व कृतज्ञ हैं l इस मंच पर कविताएँ प्रस्तुत करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रही हैंl उन्होंने एक हिंदी और एक अंग्रेज़ी भाषा में अपनी कविताएँ सुनाई, “पंख अगर देता प्रभु मुझको”…

चंडीगढ़। चंडीगढ़ साहित्य अकादमी ने आज टी एस सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी सेक्टर सत्रह के सहयोग से सभागार में त्रिभाषीय काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। काव्य ने गोष्ठी में ट्राइसिटी के हिंदी, पंजाबी और उर्दू के 26 कवियों ने भाग लिया। इस न अवसर पर चंडीगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक, सचिव सुभाष भास्कर और लाइब्रेरियन निजा सिंह उपस्थित थे। कवियों ने सामाजिक, पारिवारिक, रिश्ते, वातावरण, युद्ध, खुशहाली, देश भक्ति, ईर्ष्या, संघर्ष, परिवेश आदि पर कविताएं, गीत और गजल प्रस्तुत किए।

दलजीत कौर ने एतबार का टूटना और सांस का टूटना एक सा लगा मुझे जिंदा कहां रहता है इंसान, नीलम त्रिखा ने है अरमान बस इतना वतन के काम आऊं पहन कर केसरिया बाना दुश्मन से भिड़ जाऊं कविता सुनाई। सारिका धूपड़ ने सब सही होते हुए भी बहुत कुछ गलत होने का भीषण भ्रम पैदा करने वाला जिंदगी का भीष्म शत्रु है भय, नीरू मित्तल नीर ने सजती है छप्पन भोग सी, षट रसों का आह्वान करती, शरीर के रोम-रोम को अपने में डुबो देती है: कविता सुना कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

ट्राइसिटी के कवियों ने अपनी कविताओं से माहौल किया काव्यमय, श्रोतागण हुए मंत्रमुग्ध... सत्यवती आचार्य ने कहा कि वह आह्लादित, उत्साहित व कृतज्ञ हैं l इस मंच पर कविताएँ प्रस्तुत करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रही हैंl उन्होंने एक हिंदी और एक अंग्रेज़ी भाषा में अपनी कविताएँ सुनाई, "पंख अगर देता प्रभु मुझको"...

सत्यवती आचार्य ने कहा कि वह आह्लादित, उत्साहित व कृतज्ञ हैं l इस मंच पर कविताएँ प्रस्तुत करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रही हैंl उन्होंने एक हिंदी और एक अंग्रेज़ी भाषा में अपनी कविताएँ सुनाई -“पंख अगर देता प्रभु मुझको”l उनकी अंग्रेज़ी कविता का शीर्षक था -“यू,मी ऐंड अ फ्लास्क ऑफ़ टी” (You, Me and a Flask of Tea )l

इस मौके पर संतोष गर्ग, कंचन भल्ला, परमिंदर सोनी, शैली विज दलजीत कौर, शशि प्रभा, परमजीत सोनी, बबीता कपूर, शम्स तबरेजी, नवीन नीर, राजवंशी मान, योजना रावत, मनजीत इंदिरा, मनमोहन सिंह, अशोक नादिर, विनोद खन्ना, गुरदर्शन सिंह मावी आदि कवियों ने गोष्ठी में भाग लिया। इनके अलावा वर्ष्ठ साहित्यकार श्री राम अर्श, प्रेम विज, डा विनोद शर्मा, बलकार सिंह सिद्ध भी उपस्थित थे। अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक और सचिव सुभाष भास्कर ने सभी का धन्यवाद किया।

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ट्राइसिटी के कवियों ने अपनी कविताओं से माहौल किया काव्यमय, श्रोतागण हुए मंत्रमुग्ध... सत्यवती आचार्य ने कहा कि वह आह्लादित, उत्साहित व कृतज्ञ हैं l इस मंच पर कविताएँ प्रस्तुत करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रही हैंl उन्होंने एक हिंदी और एक अंग्रेज़ी भाषा में अपनी कविताएँ सुनाई, "पंख अगर देता प्रभु मुझको"...

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