कविता : तपता आकाश

राजीव कुमार झा
दोपहर में धूप से जब आकाश
धूप से तपने लगा,
उसे देखकर नदी ने सारी दिशाओं से कहा –
समुद्र से पूछो, बादल कब आयेगा?
वह सूरज को क्या बताएगा
इस तरह तो धूप में धरती बियाबान हो जाएगी
अकेली वह अब कहां जाएगी?
पेड़ खामोश होते जा रहे, कैसे दिन धरती पर आ गये !
लोग सुनकर बुदबुदाते!
यह सब इस मौसम के शुरुआत के दिन हैं!
बरसात जब आयेगा तब धूप को वह बताएगा!
आकाश बादलों से धीरे-धीरे जब भर जाएगा,
मूसलाधार बारिश कई दिनों तक रोज होगी
अरी सुंदरी !
तब इस हरी भरी धरती के पास जाकर तुम क्या कहोगी?
यह सावन का महीना, सखियों संग झूले पर
तुम्हारा चाक होता आकाश सा सीना!
इस ग्रीष्म में तुम अब कहां जाना चाहती?
सूरज समय का सारथि !
उसे लेकर धरती पर वह दिनभर विचरता
दोपहर में आकाश के बीच आकर कहता
अब कहां कोई अपने घर से निकलता!
इसी समय हिमालय पिघलता नदी के किनारे
हरा भरा जंगल उमगता!
नीम के पेड़ मीठे फलों से भर जाते
टोकरी में मीठे जामुन भरकर गरीब लोग उसे बेचने
बाजार में आते बादल नदी के किनारे आकर गीत आते
ग्रीष्म में जंगल सभी याद करता
अकेले धूप में हर पेड़ अपना दिन बिताता
आकाश में चांद पुरवाई को देखकर मुस्कुराता
यह सुबह की वेला देश के हर खेत और खलिहान में
उजड़ता जाता किसानों का कृषि मेला!
बाजार में आया मेहनत मजूरी में मिले
अनाज को लेकर धूप में गरीब लोगों का रेला
अरी सुंदरी !
यह दिन धूप में पके तरबूज का ठेला
गरमी में देह से बहता पसीना मेहनत और
मौसम का मीठा रस है
सुबह नदी अपने पास सबको बुलाती राह जीवन का दिखाती
यह पहाड़ों के बीच से ग्रीष्म के मैदान में बहती चली आती
कलकल स्वर में जिंदगी की जीत की कहानियां सुनाती
सुबह में धूप को देखकर मुस्कुराती
यहां दोपहर में हवा सबको बुलाती !
सबका इंतजार करती गांवों की गलियों में
सन्नाटे के बीच आती सुनसान होते खेतों में चली जाती
धूल उड़ाती
तालाब के किनारे सबको बुलाती!
यहां आम का बगीचा जब महकने लगेगा
तब धूप की धार लेकर कोई एक दिन सबको कहेगा
बादल धरती पर जिंदगी का रखवाला
ग्रीष्म ठीक उसी कठिन वक्त का मारा
अकेला यह हर जगह धूप में खड़ा है
आदमी बरामदे में आकर पड़ा है!
सबको हरे भरे बाग बगीचे बाहर बुलाते!
मना करने के बावजूद बच्चे स्कूल से आकर,
कुएं के पास धूप में चले जाते
शाम में कबड्डी खेलने मैदान में आते!
ग्रीष्म का मैदान खुशियों से भरा है
गुच्छों में लटकता कच्चा आम,
कितने पेड़ों पर सजा है!
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »राजीव कुमार झाकवि एवं लेखकAddress »इंदुपुर, पोस्ट बड़हिया, जिला लखीसराय (बिहार) | Mob : 6206756085Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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