चतुर्दिक विकास का स्तंभ है परिवार
चतुर्दिक विकास का स्तंभ है परिवार, जलवायु परिवर्तन के कारण परिवार पर पड़ने वाले प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करता है। पृथ्वी का तापमान को लगातार बढ़ने और प्राकृतिक घटनाओं में बारिश के पैटर्न, तूफान, बवंडर आदि को प्रभावित कर रहा है।
जहानाबाद। विश्व परिवार दिवस पर साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि चतुर्दिक विकास का स्तम्भ परिवार है। आज कल लोग काम और व्यापार के सिलसिले में परिवार से दूर रहते हैं। जब व्यक्ति निराश होने पर परिवार की याद आती है। इंसान को जीवन के हर मोड़ एवं सम्मान और सुख दुःख पर परिवार सहारा देता है।विश्व दिवस या अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस परिवार दिवस, इंटरनेशनल फैमिली डे I
प्रतिवर्ष 15 मई को मनाया जाता है। लोगों के विश्वास को मजबूत करना और समाज में परिवार की भूमिका को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए 15 मई 1994 में संयुक्त राष्ट्र के द्वारा परिवार के महत्व को देखते हुए स्थापित किया गया था।यहाँ विश्व परिवार दिवस विभिन्न तथ्यों को : वर्ष 1989 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक 1989 ई. में परिवार के महत्व पर चर्चा की गई थी।
संयुक्त राष्ट्र के द्वारा 15 मई 1994 ई.के दिन को हर साल विश्व परिवार दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला लिया गया। पहली बार 15 मई 1995 ई. को विश्व परिवार दिवस मनाया गया था। विश्व परिवार दिवस विश्व के परिवार के साथ जोड़ना और परिवार से संबंधित विषयों को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ाना होता है। परिवार के साथ माता पिता और पत्नी, बच्चों एवं भाई बहनों के साथ सौहार्द पूर्वक विश्व परिवार दिवस को मनाना आवश्यक हैं। विश्व परिवार दिवस परिवार और जलवायु परिवर्तन” है।
जलवायु परिवर्तन के कारण परिवार पर पड़ने वाले प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करता है। पृथ्वी का तापमान को लगातार बढ़ने और प्राकृतिक घटनाओं में बारिश के पैटर्न, तूफान, बवंडर आदि को प्रभावित कर रहा है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों एवं परिवार के प्रति लोगों को सचेत करना अत्यावश्यक है। परिवार दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए स्वंर्णिम कला केंद्र की अध्यक्षा सह लेखिका उषाकिरण श्रीवास्तव ने कहा कि परिवार व्यक्ति का विकास का सशक्त माध्यम है।
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