उत्तराखण्ड समाचार

डस्टबिन फ्री शहर की ओर से बढ़ाने होंगे कदम

डस्टबिन फ्री शहर की ओर से बढ़ाने होंगे कदम, दूसरा पित्थूवाला पेट्रोल पंप, तीसरा, चौथा तेलपुर चौक से कुछ आगे और पांचवां ग्लास फार्म के सामने लगे हैं। स्थानीय लोगों की माने तो महीने में एक-दो बार ही यहां से कूड़ा उठाया जाता है। स्थानीय निवासी मुकेश सुंद्रियाल ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत नगर निगम से कर चुके हैं, लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। 

देहरादून। दून में जगह-जगह सड़क के किनारे कूड़े के ढेर और डस्टबिन के आसपास बिखरा कचरा आम बात है। अगर इससे मुक्ति पानी है तो जरूरी है शहर को डस्टबिन फ्री शहर बनाना। नगर निगम हालांकि इस दिशा में आगे तो बढ़ रहा है, लेकिन डोर-टू-डोर कूड़ा उठान की व्यवस्था को पुख्ता किए बिना इस प्रयास का कोई फायदा नहीं मिल रहा है। हालत यह है कि घरों में कूड़ा वाहन न पहुंचने के कारण लोग कूड़ा सड़कों और खाली प्लाटों के साथ ही नदी, नालियों में फेंक रहे हैं।

दून नगर निगम स्वच्छता के पायदान पर देशभर में टॉप-50 का सपना देख रहा है। इसके लिए निगम प्रयास भी कर रहा है, लेकिन यह प्रयास धरातल पर उम्मीद के मुताबिक नजर आ रहा है। पांच सालों से स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रतिभाग कर रहा निगम अभी तक कूड़े के ढेर और कचरे की समस्या से दून को निजात नहीं दिला पा रहा है। हालांकि इसमें आम लोग भी उतने ही जिम्मेदार है, जितना नगर निगम।

दरअसल, देश के स्वच्छ शहरों में शुभार इंदौर में भी पहले यही स्थिति थी। वहां भी इसी तरह से डस्टबिन समय से नहीं उठते थे। इस समस्या से निपटने के लिए इंदौर ने सबसे पहले सड़कों से डस्टबिन हटाए। इसके बाद खुले में कूड़ा फेंकने पर रोक लगाई। घराें से कचरा उठाने की व्यवस्था को इतना मजबूत किया।

दून में सौ वार्ड में 72 जगह डस्टबिन रखे गए हैं, लेकिन अधिकांश डस्टबिन की हालत खस्ता है। इन डस्टबिन से कूड़े का नियमित उठान न होने के कारण आसपास कचरा फैला रहता है। अंडरग्राउंड डस्टबिन से कचरे का नियमित उठाव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में निगम अब शहर को डस्टबिन फ्री बनाने की ओर कदम बढ़ाने की सोच रहा है।

दून शहर को डस्टबिन फ्री शहर बनाने की योजना की तैयारी की जा रही है। 16 जगहों से डस्टबिन हटा भी दिए गए हैं। देखा रहा है कि यह स्थान अब साफ नजर आ रहे हैं। धीरे-धीरे जैसे संसाधन बढ़ेंगे, उस हिसाब से अन्य डस्टबिन भी हटा लिए जाएंगे। प्रयास किया जा रहा है कि डोर-टू-डोर कूड़ा उठान की व्यवस्था को मजबूत किया जाए। – मनुज गोयल, नगर आयुक्तI

करीब 16 जगहों से डस्टबिन को हटा भी दिया गया है। इन डस्टबिन में जहां का कूड़ा एकत्रित होता था, वहां नियमित रूप से कूड़ा वाहन भेजने की योजना बनाई है। इसमें कुछ सफलता भी दिखाई दे रही है। इससे पहले जब तक निगम घरों से कचरा उठान की पुख्ता व्यवस्था नहीं करता है, तब तक निगम का डस्टबिन फ्री शहर बनाने का सपना भी पूरा नहीं हो सकता है।



शहर के अन्य जगहों की तरह शिमला बाईपास रोड पर पित्थूवाला से लेकर बड़ोवाला तक पांच जगहों पर सड़क के किनारे कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। इससे उठने वाली बदबू से आसपास के लोग और राहगीर परेशान हैं। शिकायतों के बाद भी निगम यहां से कूड़ा नहीं उठा रहा है। पहला कूड़े का ढेर शिमलाबाई पास रोड पर सेवलाकलां तालाब के पास लगा हुआ है।



दूसरा पित्थूवाला पेट्रोल पंप, तीसरा, चौथा तेलपुर चौक से कुछ आगे और पांचवां ग्लास फार्म के सामने लगे हैं। स्थानीय लोगों की माने तो महीने में एक-दो बार ही यहां से कूड़ा उठाया जाता है। स्थानीय निवासी मुकेश सुंद्रियाल ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत नगर निगम से कर चुके हैं, लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। इस संबंध में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खन्ना ने बताया कि संबंधित कंपनी से जानकारी की जाएगी। उन्हें तत्काल इन स्थानों से कूड़े हटाने के निर्देश दिए जाएंगे।


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डस्टबिन फ्री शहर की ओर से बढ़ाने होंगे कदम, दूसरा पित्थूवाला पेट्रोल पंप, तीसरा, चौथा तेलपुर चौक से कुछ आगे और पांचवां ग्लास फार्म के सामने लगे हैं। स्थानीय लोगों की माने तो महीने में एक-दो बार ही यहां से कूड़ा उठाया जाता है। स्थानीय निवासी मुकेश सुंद्रियाल ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत नगर निगम से कर चुके हैं, लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। 

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