धर्म-संस्कृति

क्रिसमस का त्योहार और प्रभु यीशु मसीह

क्रिसमस का त्योहार और प्रभु यीशु मसीह, बच्चों को सेंटा क्लॉज की डेस पहनाई जाती है। इस अवसर पर सेंटा क्लॉज बच्चों को टाफियां व मिठाई बांटते हैं। वहीं बच्चों ध्दारा मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किये जाते हैं। रंग-बिरंगे परिधानों में सजे बच्चें विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन करते है। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान

भारत वर्ष पर्वो एवं त्यौहारों वाला देश है । यहां हर पखवाड़े कोई न कोई पर्व एवं त्यौहार मनाया जाता है चूंकि यहां विभिन्न जाति और धर्मो के लोग निवास करते है । यही वजह है कि भारत वर्ष कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक है और विभिन्न जाति व धर्मो के लोग होते हुए भी यहां एकता दिखाई देती है और सभी लोग उत्साह और उमंग के साथ एक – दूसरे के तीज – त्यौहार में शरीक होते है और एक – दूसरे को बधाई एवं शुभकामनाएं देते है।

विश्व भर में प्रेम – दया का संदेश देने वाले प्रभु यीशु मसीह का जन्म दिन २५ दिसम्बर को क्रिसमस के रूप में मनाया जाता हैं । क्रिसमस पर सभी गिरजाघरों पर आकर्षक रोशनी की जाती है व सुंदर ढंग से सजाया जाता हैं ‌ । मध्यरात्रि प्रमुख गिरजाघरों में आराधना का आयोजन किया जाता हैं । प्रार्थना के बाद क्रिश्चयन समुदाय के लोग एक – दूसरें को क्रिसमस की बधाई देते है।

इसी के साथ मसीहजन यीशु के जन्म से जुडे भक्ति गीत प्रस्तुत करते हैं ‌ । चर्च परिसर में प्रभु यीशु के जन्म से जुडी झांकियां सजाई जाती है । क्रिसमस की सुबह ही चर्च में क्रिसमस की विशेष प्रार्थना व आराधना की जाती हैं ‌। बच्चों को सेंटा क्लॉज की डेस पहनाई जाती है । इस अवसर पर सेंटा क्लॉज बच्चों को टाफियां व मिठाई बांटते हैं । वहीं बच्चों ध्दारा मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किये जाते हैं । रंग – बिरंगे परिधानों में सजे बच्चें विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन करते है।

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प्रभु यीशु मसीह कितने दयावान थे इस बात का पता उनके इस कथन से ही लग जाता हैं जब आततायियों ने उनके हाथों व पैरों में कीलें ठोकी तब प्रभु यीशु मसीह ने कहा कि हे प्रभु इन्हें क्षमा करना , क्याेंकि ये नहीं जानते की ये क्या कर रहें हैं । ऐसे थे प्रेम व दया के सागर प्रभु यीशु मसीह।


क्रिसमस का त्योहार और प्रभु यीशु मसीह, बच्चों को सेंटा क्लॉज की डेस पहनाई जाती है। इस अवसर पर सेंटा क्लॉज बच्चों को टाफियां व मिठाई बांटते हैं। वहीं बच्चों ध्दारा मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किये जाते हैं। रंग-बिरंगे परिधानों में सजे बच्चें विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन करते है। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान

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