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पुस्तक समीक्षा : मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण है काव्य संग्रह ‘जीजिविषा’

पुस्तक समीक्षा : मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण है काव्य संग्रह ‘जीजिविषा’, काव्य संग्रह में सभी रिश्तों पर कविताएं पाठकों को पढ़ने को मिलेंगी मां, पिता, बहन, बेटी, गुरू, शिक्षक के साथ ही जीवन मे मिले वो सभी रिश्ते जिनसे हमें समाज मे सम्मान मिलता है प्रेम मिलता है। जीवन मे सुखमय एहसास का अनुभूति कराने वाले पल जिनको श्रृंगार और वियोग की रचनाओं से प्रकट किया गया है। #आशीष तिवारी निर्मल (पुस्तक समीक्षक)

देश की वरेण्य कवयित्री लखनऊ निवासी मोनिका जी की काव्य संग्रह जीजिविषा पढ़ने को मिली। इस काव्य संग्रह में मानवीय संवेदना से परिपूर्ण कुल चालीस नई विधा की कवितांए हैं।यह काव्य संग्रह पाठक को चिंतन के धरातल पर ले जाता है। जीवन के सच्चे लगाव को प्रकट करती इन कविताओं मे मानव मन के सरल निश्चल भावों की अभिव्यक्ति समायी है।

कविता में चिंतन उसके अर्थ को गहराई प्रदान करता है। काव्य संग्रह ‘जीजिविषा’ में रचनाकार के सरोकारों का दायरा विस्तृत है और वैयक्तिक भावों के अलावा कवयित्री मोनिका के सामाजिक सरोकार भी बेहद पैनी और सधी भाव भंगिमा भी इन कविताओं में समाहित है। कविता जीवन से आत्मीयता और प्रेम प्रकट करने वाली विधा है।

कविता संग्रह जीजिविषा में संकलित कविताओं का अर्थ विवेचन किया जा सकता है क्योंकि इस काव्य संग्रह में रचनाकार मोनिका के जीवन के सुख-दुख के साथ सिमटी अन्य तमाम बातें भी हमारे परिवेश और इसके यथार्थ से ही उपजी प्रतीत होती हैं। प्रत्येक रचना में रचनाकार एक संवाद कायम करते हुए सामने आ रही हैं।

समाज से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के आसपास से होकर गुजरती हुई रचनाएं इस काव्य संग्रह को अन्य काव्य संग्रहों से अलग बनाती है। यह काव्य संग्रह इस बात को बखूबी प्रमाणित करता है कि रचनाकार द्वारा अपने साकारात्मक हरियरपन से धूप को रंग डालने की कल्पना करते हुए जीवन मे संघर्ष और प्रगति के तर्क को नजदीक से समझा जा चुका है।आगे बढ़ने की होड़ में दम तोड़ती मानवीय संवेदना रचनाकार के ह्दय मे पीड़ा उत्पन्न करती है।

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बेटियों पर आधारित रचना के माध्यम से रचनाकार द्वारा समाज से अपील भी की गई है । समाज जहां भी ईमानदारी से अपना किरदार नही निभा पा रहा हर उस विषय को कवयित्री मोनिका ने अपने शब्दों के माध्यम समाज का ध्यान आकृष्ट कराया है। वहीं कविता मेरा देश महान है के माध्यम से राष्ट्र की वंदना भी काव्य संग्रह मे की गई है।



मां पर आधारित कविता के द्वारा रचनाकार ने बताया कि मां एक ऐसा शब्द जिसमें ममता, समता, दया, करुणा, सारे भाव समाहित हैं।काव्य संग्रह में सभी रिश्तों पर कविताएं पाठकों को पढ़ने को मिलेंगी मां, पिता, बहन, बेटी, गुरू, शिक्षक के साथ ही जीवन मे मिले वो सभी रिश्ते जिनसे हमें समाज मे सम्मान मिलता है प्रेम मिलता है।



जीवन मे सुखमय एहसास का अनुभूति कराने वाले पल जिनको श्रृंगार और वियोग की रचनाओं से प्रकट किया गया है। मैं इतने उत्कृष्ट लेखन के लिए कवयित्री मोनिका को उनके प्रथम काव्य संग्रह जीजिविषा के लिए बधाई प्रेषित करते हुए हर्षित हूं आशा है आपका अगला काव्य संग्रह शीघ्र ही पाठकों के हाथ में हो ।

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काव्य संग्रह का नाम- जिजीविषा
रचनाकार का नाम- मोनिका
प्रकाशक- बीएफसी पब्लिकेशन, गोमती नगर, लखनऊ
पुस्तक की कीमत- 270 रूपए
पुस्तक समीक्षक-आशीष तिवारी निर्मल, रीवा, मध्य प्रदेश (सम्पर्क सूत्र : 8602929616)


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पुस्तक समीक्षा : मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण है काव्य संग्रह 'जीजिविषा', काव्य संग्रह में सभी रिश्तों पर कविताएं पाठकों को पढ़ने को मिलेंगी मां, पिता, बहन, बेटी, गुरू, शिक्षक के साथ ही जीवन मे मिले वो सभी रिश्ते जिनसे हमें समाज मे सम्मान मिलता है प्रेम मिलता है। जीवन मे सुखमय एहसास का अनुभूति कराने वाले पल जिनको श्रृंगार और वियोग की रचनाओं से प्रकट किया गया है। #आशीष तिवारी निर्मल (पुस्तक समीक्षक)

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