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उत्तराखण्ड समाचार

सिर्फ चार जोड़ों को निभानी थी शादी, हजारों जोड़ों ने विवाद की ठानी!

सिर्फ चार जोड़ों को निभानी थी शादी, हजारों जोड़ों ने विवाद की ठानी!… राज्य महिला आयोग का मानना है कि कई बार रिश्तों की खटास में बातचीत मिठास का काम करती है और गृहस्थी उजड़ने से बच जाती है। यदि लोग आयोग के कार्यालय नहीं आ सकते, तो उनके पास काउंसलिंग के दूसरे विकल्प भी हैं।

देहरादून। शादी बाद लड़ाई-झगड़े होने पर भले जीवनभर कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगा लेंगे, लेकिन शादी से पहले काउंसलिंग कराने नहीं जाएंगे…इस सोच से समाज को उबारने के लिए राज्य महिला आयोग ने आठ साल पहले विवाह पूर्व काउंसलिंग की जोर-शोर से पहल की थी, लेकिन अफसोस कि आज तक सिर्फ चार जोड़े ही काउंसलिंग के लिए आयोग के दफ्तर पहुंचे।

विवाह पूर्व काउंसलिंग को नजरंदाज करने का नतीजा या आंकड़े ऐसे हैं कि आयोग के सामने हर साल दहेज उत्पीड़न, दहेज हत्या, शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न और घरेलू हिंसा की 700 से 1000 शिकायतें पहुंच रही हैं। साथ ही दोनों पक्षों के परिजन आयोग से लेकर पुलिस स्टेशन और अदालत के चक्कर लगा रहे हैं। इसलिए महिला आयोग की कोशिश है कि लोगों को समझाया जाए कि शादी के बाद कोर्ट में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने से बेहतर है कि शादी से पहले काउंसलिंग के जरिए एक-दूसरे को समझा जाए।

राज्य महिला आयोग का मानना है कि कई बार रिश्तों की खटास में बातचीत मिठास का काम करती है और गृहस्थी उजड़ने से बच जाती है। यदि लोग आयोग के कार्यालय नहीं आ सकते, तो उनके पास काउंसलिंग के दूसरे विकल्प भी हैं। आयोग की ही सलाह है कि लोग चाहें तो अपने नजदीक में ग्राम प्रधान, जिले के सदस्य, पारिवारिक मामलों के वकील, एनजीओ पदाधिकारी के साथ भी आपसी सामंजस्य से विवाह पूर्व काउंसिलिंग करवा सकते हैं।

महिला आयोग कई मंचों से लोगों को जागरूक कर रहा है कि विवाह पूर्व काउंसलिंग करवाएं। इससे युवा पीढ़ी को उचित मार्गदर्शन मिलेगा। हिंसा और मानसिक उत्पीड़न के मामलों में कमी आएगी। आर्थिक मोर्चे पर सामंजस्य रहेगा और आमने-सामने बैठने से धोखाधड़ी की आशंका भी कम रहती है। वैवाहिक संबंध में युवक और युवती की समझ विकसित होती है। -कुसुम कंडवाल, अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग

इस साल आयोग में आईं शिकायतें

  • दहेज उत्पीड़न-51
  • शारीरिक उत्पीड़न-14
  • मानसिक उत्पीड़न-170
  • घरेलू हिंसा-116
  • भरण पोषण-11

2023-24 में दर्ज शिकायतें

  • दहेज उत्पीड़न-143
  • शारीरिक उत्पीड़न-32
  • मानसिक उत्पीड़न-545
  • घरेलू हिंसा-281
  • भरण पोषण-40

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2022-23 में दर्ज शिकायतें

  • दहेज उत्पीड़न-203
  • दहेज हत्या-तीन
  • शारीरिक उत्पीड़न-29
  • मानसिक उत्पीड़न-522
  • घरेलू हिंसा-289
  • भरण पोषण-34

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सिर्फ चार जोड़ों को निभानी थी शादी, हजारों जोड़ों ने विवाद की ठानी!... राज्य महिला आयोग का मानना है कि कई बार रिश्तों की खटास में बातचीत मिठास का काम करती है और गृहस्थी उजड़ने से बच जाती है। यदि लोग आयोग के कार्यालय नहीं आ सकते, तो उनके पास काउंसलिंग के दूसरे विकल्प भी हैं।

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