साढ़े 12 करोड़ की हीरे की पांच घड़ियां मिलीं
सूत्रों की मानें, तो गुजरात के ऊंझा में तंबाकू और तंबाकू पत्ती की फैक्ट्री है, जो बड़े स्तर पर उत्पादन करती है। कानपुर समेत देशभर के पान मसाला कारोबारियों, कंपनियों को तंबाकू की सप्लाई की जाती है। दरअसल, फर्म केवल 25-30 करोड़ का टर्नओवर दिखा रही थी। वहां पर अफसरों को जो स्टाॅक मिला है, वो बहुत अधिक है।
कानपुर। कानपुर से अपना कारोबार दिल्ली और गुजरात शिफ्ट कर चुके तंबाकू कारोबारी मुन्ना मिश्रा के प्रतिष्ठानों पर तीसरे दिन शनिवार को भी आयकर की जांच जारी रही। आयकर टीम को कारोबारी के बेटे के दिल्ली स्थित घर से अब साढ़े 12 करोड़ की हीरे की पांच घड़ियां बरामद हुई हैं। इससे पहले 70 करोड़ से ज्यादा की कई कारें मिली थीं। इसके अलावा छह मुखौटा कंपनियों का भी खुलासा हुआ है।
इनके जरिये कालेधन को सफेद किया जा रहा था। आयकर के 50 से ज्यादा अधिकारियों की टीमों ने गुरुवार दोपहर बाद बंशीधर श्रीराम फर्म के रामगंज-नयागंज स्थित कार्यालय, शक्करपट्टी स्थित होटल, आर्यनगर स्थित आवास के साथ ही यहीं पर बने तीन प्रतिष्ठानों और दिल्ली के वसंतविहार स्थित आवास, गुजरात के ऊंझा स्थित फैक्टरी में छापा मारा था। रामगंज में कारोबारी का पुराना कार्यालय है।
पहले आर्यनगर में रहते थे। सालों पहले दिल्ली चले गए और कारोबार अहमदाबाद शिफ्ट कर दिया। यह फर्म सभी प्रमुख पान मसाला कारोबारियों को बड़े पैमाने पर तंबाकू सप्लाई करती है। फर्म के संचालक केके मिश्रा उर्फ मुन्ना मिश्रा हैं। उनका बेटा शिवम मिश्रा कारोबार देखता है। दिल्ली स्थित आवास से 4.5 करोड़ की नकदी और 2.5 करोड़ के गहने जब्त किए जा चुके हैं।
इसके अलावा बेटे के आवास से रोल्स रॉयस फैंटम, फेरारी, लेम्बोर्गिनी, मिर्सिडीज, मैकलॉरेन, पोर्शे जैसी महंगी कारें मिली थीं। रोलेक्स कंपनी की पांच घड़ियां भी मिली हैं।एक घड़ी की कीमत 2.5 करोड बताई जा रही है। इन घड़ियों को विशेष रूप से बनवाया गया है। पूरी घड़ी में हीरे लगे हैं। आयकर अफसरों ने हीरों की जांच के लिए विशेषज्ञों को बुलाया है। इसके साथ ही जांच का दायरा भी बढ़ गया है। गुजरात के ऊंझा में लगाई गई फैक्टरी की फंडिंग के बारे में भी जांच चल रही है।
आयकर अफसरों को जांच में छह मुखौटा कंपनियों का पता चला है। ये कंपनियां कानपुर, कोलकाता और दिल्ली के पते पर दर्ज हैं। सूत्रों के मुताबिक इनके जरिये काली कमाई को एक नंबर में बनाए जाने का खेल चल रहा था। कितने का लेनदेन इन कंपनियों के जरिये किया गया, इसकी जांच की जा रही है। फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है। बताया गया कि कारोबारी कच्चे पर्चे पर बड़े पैमाने पर कारोबार कर रहे थे।
यह भी पता चला है कि कच्चे पर्चों का लेनदेन कुछ दिनों के बाद फाड़ दिया जाता था। इस खेल के खुलासे के लिए कर्मचारियों और फर्म संचालकों से पूछताछ की जा रही है। फर्म संचालक मुन्ना मिश्रा का ऑपरेशन हुआ है। इस वजह से उनसे ज्यादा पूछताछ नहीं की गई है। बेटे शिवम मिश्रा से विदेशी कारों, घड़ियों, फैक्ट्री की फंडिंग पर पूछताछ की जा रही है।
सूत्रों की मानें, तो गुजरात के ऊंझा में तंबाकू और तंबाकू पत्ती की फैक्ट्री है, जो बड़े स्तर पर उत्पादन करती है। कानपुर समेत देशभर के पान मसाला कारोबारियों, कंपनियों को तंबाकू की सप्लाई की जाती है। दरअसल, फर्म केवल 25-30 करोड़ का टर्नओवर दिखा रही थी। वहां पर अफसरों को जो स्टाॅक मिला है, वो बहुत अधिक है। सूत्रों ने बताया कि तैयार व कच्चा माल 50 करोड़ से ज्यादा का है, जबकि टर्नओवर आधा भी नहीं दिखाया जा रहा था।