महिला अपराध में ऊधमसिंह नगर जिला सबसे आगे, दूसरे नंबर पर नैनीताल
महिला अपराध में ऊधमसिंह नगर जिला सबसे आगे, दूसरे नंबर पर नैनीताल… ऊधमसिंह नगर जिले में महिला हत्या, दहेज हत्या के पांच और नैनीताल में एक मुकदमा दर्ज हुआ है। चिंता की बात है कि अब पर्वतीय क्षेत्रों में भी महिला अपराध बढ़ रहा है। बीते पांच महीनों में अल्मोड़ा पुलिस ने 32 और बागेश्वर पुलिस ने 14 मामले दर्ज किए हैं।
नैनीताल। महिला अपराधों पर लगाम लगाना पुलिस के लिए चुनौतीभरा साबित हो रहा है। लगातार बढ़ रहे महिला अपराधों के मामले पुलिस अधिकारियों की चिंता बढ़ा रहे हैं। यह हम नहीं बल्कि पिछले पांच महीने के महिला अपराध के आंकड़े कह रहे हैं। कुमाऊं मंडल में महिला अपराध के मामले में ऊधमसिंह नगर जिला पहले और नैनीताल जिला दूसरे नंबर पर है। पूरे कुमाऊं में एक जनवरी से 31 मई तक महिला अपराध के 660 मुकदमे दर्ज हुए हैं।
दुष्कर्म, हत्या, व्यपहरण, शीलभंग (जबरन शारीरिक संबंध बनाना), दहेज प्रताड़ना, यौन अपराध और मुस्लिम महिला विवाह अधिकार अधिनियम के तहत होने वाले सर्वाधिक 374 मामले एक जनवरी 2024 से 31 मई 2024 के बीच ऊधमसिंह नगर पुलिस ने दर्ज किए। वहीं दूसरे नंबर पर 149 अपराधों के साथ नैनीताल जिले का नाम है। मंडलीय पुलिस कार्यालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक साइबर यौन अपराध और मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अधिनिमय के तहत नैनीताल में एक और ऊधमसिंह नगर में चार मामले पांच महीने में दर्ज हुए हैं।
ऊधमसिंह नगर जिले में महिला हत्या, दहेज हत्या के पांच और नैनीताल में एक मुकदमा दर्ज हुआ है। चिंता की बात है कि अब पर्वतीय क्षेत्रों में भी महिला अपराध बढ़ रहा है। बीते पांच महीनों में अल्मोड़ा पुलिस ने 32 और बागेश्वर पुलिस ने 14 मामले दर्ज किए हैं। पिथौरागढ़ में 51 और चंपावत में 40 मामले सामने आ चुके हैं।
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अपराध के आंकड़े
अपराध | नैनीताल | यूएस नगर | अल्मोड़ा | बागेश्वर | पिथौरागढ़ | चंपावत |
हत्या | 01 | 05 | 00 | 00 | 00 | 00 |
दहेज हत्या | 01 | 05 | 00 | 00 | 00 | 00 |
व्यपहरण | 06 | 25 | 00 | 03 | 02 | 01 |
दुष्कर्म | 26 | 80 | 08 | 03 | 00 | 15 |
शीलभंग | 33 | 47 | 07 | 03 | 09 | 04 |
498 ए व दहेज | 79 | 190 | 12 | 08 | 22 | 19 |
महिला संबंधी अपराधों पर अंकुश लगाने और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। लगातार निगरानी के साथ-साथ अपराधों की समीक्षा भी की जा रही है।
-डॉ. योगेंद्र सिंह रावत, डीआईजी कुमाऊं