साहित्य लहर

श्रवण कुमार

जिसने अपनी वृद्ध माताजी को इस उम्र में तीर्थ यात्रा करा कर जो पुण्य कमाया है वह वंदनीय और सराहनीय है। धीरज की पुत्री भावना उस पुलिस कर्मी की बात सुनकर गद् गद् हो गई। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान

धीरज ने अपनी पत्नी सपना से एक दिन कहा कि मम्मी ( कल्पना ) काफी समय से तीर्थ यात्रा की कह रही है। अतः इस बार भावना ( पुत्री ) की परीक्षा की समाप्ति पर हम मम्मी को अयोध्या, हरिद्वार और पुष्कर ले जाकर तीर्थ यात्रा करा लाते है ताकि इनकी मनोकामना पूर्ण हो जाये।

धीरज की बात सुनकर सपना ने कहा कि माता जी इतनी वृद्ध अवस्था में है अगर इनको कोई परेशानी नहीं हो तो मैं चलने को सहमत हूं और भावना की परीक्षा के बाद वे तीर्थ यात्रा पर निकल पड़े। तीर्थ यात्रा कर जब यह परिवार वापस जोधपुर लौटा तो सपना अपनी वृद्ध सासू मां के साथ रेलवे स्टेशन के बाहर पटरी पर खडी थी तभी वहां एक पुलिस कर्मी आया और बोला माताजी आप यहां नहीं बैठ सकते।

तभी सपना ने उस पुलिस कर्मी से कहा कि हम माताजी को तीर्थ यात्रा करा कर लाये है और इनका पुत्र टैक्सी लेने गया है। टैक्सी आते ही हम चले जायेगे। तभी धीरज अपनी पुत्री भावना के साथ वहां आ गया।

पुलिस कर्मी ने धीरज की वृद्ध माताजी के पांव छुए और पुत्र धीरज और उसके परिजनों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि मैंने अपने जीवन काल में आज अपनी इन आंखों से देख लिया है कि आज के युग में भी श्रवण कुमार जिन्दा है.

जिसने अपनी वृद्ध माताजी को इस उम्र में तीर्थ यात्रा करा कर जो पुण्य कमाया है वह वंदनीय और सराहनीय है। धीरज की पुत्री भावना उस पुलिस कर्मी की बात सुनकर गद् गद् हो गई।


Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

2 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights