सौंदर्यीकरण से ही खुशहाली संभव
सौंदर्यीकरण से ही खुशहाली संभव… गली, मौहल्ले, गांव व शहर के सौन्दर्य करण में काले धब्बे के समान लगते है। जबकि आयोजकों को चाहिए कि उन्होंने जिस तत्परता से ये बेनर व पोस्टर लगवाये उसी तत्परता से इन्हें वापस भी हटवाने की व्यवस्था करनी चाहिए। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
समाज की निस्वार्थ भाव से सेवा की जानी चाहिए। समाज की सेवा ही मानवता की सबसे बडी सेवा हैं जिसके कारण अनेक जरूरतमंदों की जहां सेवा हो जाती है वही दूसरी ओर हमारा मन भी प्रसन्न और प्रफुल्लित हो जाता हैं और मन को अपार आनन्द की प्राप्ति होती है।
निशुल्क चिकित्सा शिविर, रक्तदान महादान शिविर, भागवत कथा के आयोजन की तिथि, समय , स्थान, कथा स्थल तक लाने ले जाने, कलश यात्रा, शोभायात्रा, सामूहिक विवाह, परिचय सम्मेलन, के पोस्टर व बैनर आयोजक सार्वजनिक स्थलों, चौराहों, रेलवे स्टेशन, बस स्टेंड, गली मौहल्लों में चाय के ढाबों पर लगवा देते है जो प्रचार प्रसार का एक उत्तम जरिया है लेकिन आयोजन के समापन के बाद भी ये ज्यों के त्यों लगे रहते है.
गली, मौहल्ले, गांव व शहर के सौन्दर्य करण में काले धब्बे के समान लगते है। जबकि आयोजकों को चाहिए कि उन्होंने जिस तत्परता से ये बेनर व पोस्टर लगवाये उसी तत्परता से इन्हें वापस भी हटवाने की व्यवस्था करनी चाहिए। पुनः हटवाने की व्यवस्था न होने से ये पोस्टर व बेनर लावारिस हालत में लगे अपनी दुर्दशा की कहानी अपनी ही जुबानी कहते हैं, चूंकि कार्यक्रम समाप्ति के बाद कोई भी इनकी सुध नहीं लेता है।
यह कैसी विडम्बना है। गली, मौहल्ला, गांव, शहर व सार्वजनिक स्थलों को साफ सुथरा बनाये रखने की जिम्मेदारी जितनी सरकारी विभागों की है उतनी भी हमारी भी हैं। आयोजन के बाद बेनर व पोस्टर समय पर हटवाकर गांव व शहर का सौन्दर्य करण बनाए रखने में हमें प्रशासन को सहयोग करना चाहिए।
हम जितने अपने अधिकारों की बात करते हैं वही अपने कर्तव्यों और दायित्वों का भी समय पर पालन करना चाहिए। आपकी तनिक सी सजगकता, सूझबूझ से हम अपनी गली मौहल्ला, गांव शहर व सार्वजनिक स्थलों को साफ सुथरा बनाये रखने में सहयोग कीजिए ताकि पर्यावरण और पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके।
यह तभी संभव है जब हम इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर उस पर अमल करे।मात्र प्रशासन को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा कर अपने कर्तव्य से इतिश्री नहीं कर सकते।