साहित्य लहर
जागो भारत वीर
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
तज दो अवगुण
मिटा दो कलेश
मत जाओ दनुजता के निकट
रम जाओ मनुजता में…
काम, क्रोध, लोभादि में न फंसो
दिव्य गुणों को करो धारण
जीवन सफल बनाओ
चुस्ती, फुर्ती, उत्कट क्रियाशीलता अपनाओ ।
प्रदूषण इतना फैला कि धरा ऊब रही
जग में त्राहिमाम-त्राहिमाम की स्थिति बन आई
जग-जीवन में घोर निराशा छाई
प्रकृति रक्षक बन धरा बचाओ।
स्वार्थ सिद्धि में संसार पगलाया
मानवता खतरे में,
पुनः विश्व युद्ध की करी तैयारी
होगा विनाश, महाविनाश !
भारत विश्व गुरु बन राह दिखाओ
धरा को स्वर्ग बनाओ
संसार निहारे तुम्हारी ओर
जागो भारत वीर ! अब तुम्हें ही करनी है सुहानी भोर…
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »मुकेश कुमार ऋषि वर्मालेखक एवं कविAddress »ग्राम रिहावली, डाकघर तारौली गुर्जर, फतेहाबाद, आगरा, (उत्तर प्रदेश) | मो : 9876777233Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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