UPI Scam : अकाउंट से निकाले 42 हजार रुपये
UPI Scam : अकाउंट से निकाले 42 हजार रुपये, जासूसी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने चेतावनी दी है कि जेबकतरे भी अब साइबर अपराधों से परिचित हो रहे हैं, और इस बात की पूरी संभावना है कि आपके मोबाइल फोन में संग्रहित आपकी निजी जानकारी चोरी हो जाने या गुम हो जाने पर उसका दुरुपयोग किया जा सकता है।
नई दिल्ली। ऑनलाइन फ्रॉड और स्कैम के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब एक अलग तरह का मामला कोलकाता से सामने आया है, जहां पहले एक शख्स का फोन छीना गया और 15 मिनट के भीतर ही उसके UPI अकाउंट से हजारों रुपये उड़ा दिए गए। बता दें कि पीड़ित के अकाउंट से करीब 42 हजार रुपये चोरी किए गए हैं। चलिए जानते हैं पूरा मामला।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, पीड़ित की पहचान कोलकाता के केस्टोपुर निवासी शंकर घोष के रूप में हुई है। पीड़ित ने अपना दुखद अनुभव साझा करते हुए बताया कि वह अपने कार्यस्थल से लौट रहे थे और अपने फोन पर एक मैसेज टाइप करने में व्यस्त थे। चोर ने तेजी से हमला किया और बस की खिड़की से फोन छीन लिया। उन्होंने बताया कि इससे पहले कि मैं प्रतिक्रिया कर पाता, चोर भाग गया। इसके बाद 15 मिनट के भीतर ही मेरे अकाउंट से 42,000 रुपये डेबिट हो गए।
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घोष को चुराए गए पैसे के बारे में तब पता चला जब उसने एक नया फोन और सिम कार्ड खरीदा। इस घटना के बाद घोष ने तुरंत पुलिस में दो शिकायतें दर्ज कीं: एक उनके फोन के खोने के बारे में और दूसरी यूपीआई के माध्यम से अनधिकृत पैसे निकालने के संबंध में। उन्होंने संदेह जताया कि उनका फोन हैक कर लिया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह अपने मोबाइल डिवाइस पर पासवर्ड सेव नहीं करते हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बैंक के अनुसार, ऐसा प्रतीत होता है कि यूपीआई पेमेंट के दौरान पिन कोड सही ढंग से दर्ज किया गया था। पहली नजर में ऐसा लगता है कि किसी ने पिन कोड तक पहुंच प्राप्त की थी और उसके बाद पेमेंट की गई है। फिलहाल पुलिस फोन छीनने की घटना में शामिल अपराधियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है।
गौरतलब है कि अपराधियों का ध्यान फोन चुराने के बजाय चोरी हुए फोन के पर्सनल डाटा को चुराने पर होता है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने जनता को सार्वजनिक स्थानों पर पासवर्ड साझा करने के खिलाफ सलाह दी है और अतिरिक्त सुरक्षा के लिए पिन या बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का उपयोग करने के बारे में भी बताया है।
जासूसी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने चेतावनी दी है कि जेबकतरे भी अब साइबर अपराधों से परिचित हो रहे हैं, और इस बात की पूरी संभावना है कि आपके मोबाइल फोन में संग्रहित आपकी निजी जानकारी चोरी हो जाने या गुम हो जाने पर उसका दुरुपयोग किया जा सकता है।
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