राष्ट्रीय समाचार

विपन्नों को चतुर्दिक विकास का रूप है मानव एकजुटता दिवस

विपन्नों को चतुर्दिक विकास का रूप है मानव एकजुटता दिवस… व्यक्ति शिक्षा में योगदान देकर या गरीबों या शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षम लोगों की मदद करके दिन में भाग लेता है। शिक्षा एवं सुमधुर विचारों के माध्यम से सरकारों को सतत विकास लक्ष्य के गरीबी और अन्य सामाजिक बाधाओं का जवाब देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

जहानाबाद। अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस के अवसर पसर जीवन धारा नमामि गंगे के राष्ट्रीय सचिव साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 20 दिसंबर को लोगों के बीच एकजुटता के महत्त्व को बताने के लिए, गरीबी पर अंकुश लगाना और विकासशील देशों में मानव और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए संकल्प लेना है।

संयुक्त राष्ट्र ने 22 दिसंबर 2005 को अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस मनाने की घोषणा की थी। अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस को विश्व एकजुटता कोष और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा बढ़ावा दिया जाता है। विश्व में गरीबी उन्मूलन के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने पर केंद्रित हैं।

व्यक्ति शिक्षा में योगदान देकर या गरीबों या शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षम लोगों की मदद करके दिन में भाग लेता है। शिक्षा एवं सुमधुर विचारों के माध्यम से सरकारों को सतत विकास लक्ष्य के गरीबी और अन्य सामाजिक बाधाओं का जवाब देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। विपन्नों के चतुर्दिक विकास का रूप अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस है।

घरेलू विवाद से दहेज़ के झूठे मामलों में उलझते पुरुष


विपन्नों को चतुर्दिक विकास का रूप है मानव एकजुटता दिवस... व्यक्ति शिक्षा में योगदान देकर या गरीबों या शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षम लोगों की मदद करके दिन में भाग लेता है। शिक्षा एवं सुमधुर विचारों के माध्यम से सरकारों को सतत विकास लक्ष्य के गरीबी और अन्य सामाजिक बाधाओं का जवाब देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights