भरोसा और आशीर्वाद

सुनील कुमार माथुर
भरोसा और आशीर्वाद कभी भी दिखाई नहीं देते हैं लेकिन असंभव को भी संभव बना देते हैं । कहते हैं कि सहयोग एक अच्छा तोहफा हैं देने में भी अच्छा लगता हैं और मिले तो भी अच्छा लगता हैं । जिन्दगी में कभी भी किसी को दोष मत दीजिए । अच्छे लोग खुशियां लाते हैं और बुरे लोग तजुर्बा दे जाते हैं । जीवन में किसी को भी खुश करने का मौका मिलें तो छोडना नहीं चाहिए ।
हम सब पर अपने परिवार के साथ समाज व राष्ट्र के विकास और उत्थान का भी दायित्व हैं । अतः समाज के प्रत्येक व्यक्ति को समझना होगा कि यदि हम अपने दायित्वों को निभायेंगे तब ही हम भारत को विश्व का अग्रणी राष्ट्र बना सकते हैं ।
आज सम्पूर्ण विश्व में भारत के युवा अपने ज्ञान व हुनर से नेतृत्व कर रहें है । इसी वजह से भारत का विश्व में एक अलग ही पहचान है । हमें यदि एक भारत – श्रेष्ठ भारत – आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करना हैं तो हमें भी सामूहिकता के साथ देश के प्रति अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना होगा ।
सबके प्रयासो से ही हम प्रगतिशील बनकर अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकतें है । बिना संगठन के कोई भी कुछ भी हासिल नहीं कर सकता । कहते हैं कि अच्छा वक्त उसी का आता हैं जो किसी का भी बुरा नहीं चाहता हैं ।
गिरना आसान होता हैं , गिराना और भी आसान होता हैं लेकिन किसी का हाथ पकड कर आगे बढाना बहुत ही मुश्किल होता हैं । अगर तुम उडना चाहते हो तो पहले उन बाधाओं व चीजों को हटाओं जो बोझ बनकर तुम्हें रोकती हैं इसलिए कहा गया हैं कि भरोसा और आशीर्वाद कभी भी दिखाई नहीं देते है लेकिन फिर भी असंभव को भी संभव बना देते हैं।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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