सांस्कृतिक विरासत और शांति का द्योतक पर्यटन
सांस्कृतिक विरासत और शांति का द्योतक पर्यटन… इस्तांबुल टर्की में अक्टूबर 1997 को बारहवीं यू एन डब्लू टी ओ महासभा ने निर्णय लिया कि प्रत्येक वर्ष संगठन के विश्व पर्यटन दिवस मनाने के लिए सहयोगी रखते है विश्व पर्यटन दिवस वर्ष 2006 में यूरोप, 2007 में साउथ एशिया, 2008 में अमेरिका में 2009, अफ्रीका तथा 2011 में मध्य पूर्व क्षेत्र देशों में मनाया गया।
जहानाबाद (बिहार )। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर साहित्यकार व इतिहासकार सात्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि सांस्कृतिक विरासत और शांति का द्योतक पर्यटन है।संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा विश्व पर्यटन दिवस का प्रारंभ 27 सितंबर 1980 किया गया है। वर्ष 1970 में यूनाइटेड नेशन वर्ल्ड टूरिस्ट ऑर्गनाइजेशन की कानून को स्वीकारा गया था।
पर्यटन वैश्विक रूप से, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक तथा आर्थिक मूल्यों को बढ़ाने में तथा आपसी समझ बढ़ाने में सहायता करता है। आठवीं विश्व पर्यटन दिवस के सत्र के उपलक्ष्य में कजाकिस्तान द्वारा डाक टिकट जारी किया गया था। इस्तांबुल टर्की में अक्टूबर 1997 को बारहवीं यू एन डब्लू टी ओ महासभा ने निर्णय लिया कि प्रत्येक वर्ष संगठन के विश्व पर्यटन दिवस मनाने के लिए सहयोगी रखते है.
विश्व पर्यटन दिवस वर्ष 2006 में यूरोप, 2007 में साउथ एशिया, 2008 में अमेरिका में 2009, अफ्रीका तथा 2011 में मध्य पूर्व क्षेत्र देशों में मनाया गया। वर्ष 2013 में कार्यक्रम का विषय पर्यटन और पानी, साझे भविष्य की रक्षा था और 2014 में पर्यटन और सामुदायिक विकास, द लेट इग्नेशियस अमदुवा अतिगबी नाइजीरिया के राष्ट्र ने विचार दिया कि प्रत्येक वर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाए और वर्ष 2009 में अभूतपूर्व योगदान को देखते हुए इसे सहर्ष स्वीकार भी कर लिया गया।
बिहार का जहानाबाद के बराबर पर्वत समूह की गुफा,लिपि, मूर्ति कला, वास्तु कला, भित्तिचित्र संस्कृति , गया का ब्रह्मयोनि पर्वत समूह की ब्रह्मयोनि, विष्णुपद, रामशिला, प्रेतशिला आदि बोधगया के बौध्द मंदिर , नालंदा जिले का राजगीर पर्वत समूह, पावापुरी, नालंदा विश्वविद्यालय का अवशेष नवादा जिले का दरियापुर पार्वती, रोहतास एवं भभुआ जिले का कैमूर पर्वत समूह की गुप्ता धाम, तुतला भवानी एवं झरना, वैशाली, पटना, सीतामढ़ी, गोपालगंज आदि जिलों में पर्यटन स्थलों पर संस्कृति की विरासत है।
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