रूस की अमानवीयता
ओम प्रकाश उनियाल
रूस और यूक्रेन के बीच महायुद्ध चलते हुए चार सप्ताह हो चुके हैं। उक्रेन की राजधानी समेत कई शहर पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। युद्ध समाप्त होने की फिलहाल किसी प्रकार से स्थिति नजर नहीं आती। जो यूक्रेन नागरिक दूसरे देशों में पनाह ले चुके हैं वे सुरक्षित हैं, वहीं फंसे नागरिक या तो अपनी जान गंवा बैठे या फिर किसी न किसी तरह बाहर निकलने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं।
अन्य देशों ने भी अपने नागरिक अपने-अपने वतन वापस बुला लिए हैं। जहां अनेकों यूक्रेन नागरिक अपने प्राण गंवा बैठे हैं वहीं रूस के भी कई सैनिक भी युद्ध की भेंट चढ़ चुके हैं। स्थिति तीसरे विश्वयुद्ध की तरफ बढ़ते देखकर भी रूस के राष्ट्रपति पुतिन अपनी जिद्द छोड़ने को तैयार नहीं है। जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति का कहना है कि आपसी वार्ता से ही युद्ध रोका जा सकता है।
हालांकि, अभी तक कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है जिसका कोई नतीजा नहीं निकला। यू्क्रेन के सैनिक भी अपने देश को बचाने के लिए रूसी हमलों का ताबड़तोड़ जवाब दे रहे हैं। लेकिन रूस के आगे सब धराशायी हो रहे हैं। यूक्रेन यह लड़ाई अपने दम पर लड़ रहा है। उसे सैन्य समर्थन कहीं से नहीं मिल रहा है।
पुतिन तो पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि जो भी देश युद्ध में यूक्रेन के साथ देगा उसको भी परिणाम भुगतना पड़ेगा। पुतिन पूरी तरह हिटलर के अंदाज में उतरे हुए हैं। वे यूक्रेन को तहस-नहस करके ही चैन लेने वाले हैं। अमानवीयता की हद को पार करते जा रहे हैं पुतिन। अमेरिका और उसके मित्र देश पुतिन की इस आक्रमकता को रोकने के लिए एकजुट हैं।
भारत भी दोनों देशों के बीच शांति चाहता है। रूस और भारत के संबंध हमेशा ही अच्छे चले आ रहे हैं। अन्य देश भी युद्ध की विनाशलीला को खत्म करने की अपील कर रहे हैं। एक तरफ विश्व अन्य अनेक संकटों से जूझ रहा हैं वहीं इस प्रकार से लंबे समय तक चलने वाला युद्ध विश्व शांति में बाधक बन सकता है। विश्व में शांति का माहौल बना रहे इसमें सभी देशों को सहयोग करना चाहिए। रूस पर युद्ध समाप्त करने के लिए सभी देशों को एक मंच पर आकर दबाव बनाना होगा।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »ओम प्रकाश उनियाललेखक एवं स्वतंत्र पत्रकारAddress »कारगी ग्रांट, देहरादून (उत्तराखण्ड)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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