तेज गर्मी से बचाव ही उपचार है…

सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
अभी से ही मई-जून महीने जैसी गर्मी पड़ रही है जिससे हर किसी को बच कर रहना चाहिए। चूंकि गर्मी से बचाव ही उसका उपचार है अन्यथा लू लगते देर नहीं लगती। गर्मी के मौसम को देखते हुए अति आवश्यक कार्य होने पर ही घर से बाहर निकलें। घर से बाहर आते-जाते समय शरीर को ढक कर रखें।
हल्के रंग के आरामदायक कपड़े पहनें। धूप में बाहर जाते समय छाता, तौलिया, टोपी, आंखों पर चश्मा अवश्य लगाएं।
इतना ही नहीं समय-समय पर पर्याप्त पानी, तरल पदार्थ लें। वहीं दूसरी ओर आंखों को भी थोड़ी-थोड़ी देर बाद ठंडे पानी से धोते रहिए ताकि आंखों में जलन न हो। आंखों को सीधी धूप से बचाएं। अधिक गर्मी व धूप में श्रम के कार्य करने से बचें।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अनुसार गर्मी में हल्का, सुपाच्य व ताजा भोजन करें। नंगे बदन व पैर धूप में न जाएं। गर्मी से होने वाली बीमारियों के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं — घबराहट होना, चक्कर आना, बेहोशी और सिरदर्द। त्वचा का गर्म, लाल व सूखी त्वचा का होना, जी मचलाना या उल्टी होना, सांस फूलना या दिल की धड़कन तेज होना।
लू लग जाए तो क्या करें — रोगी को ठंडी व छायादार जगह पर लिटाएं। गीले कपड़े से शरीर को पोंछें। ओआरएस घोल, पानी व अन्य तरल पदार्थ पिलाएं। उल्टी-दस्त या चक्कर आने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। तेज गर्मी में बिना वजह इधर-उधर न घूमें। चूंकि तेज गर्मी कर सकती है आपको बीमार। इसे हल्के में न लें अन्यथा लू की चपेट में आ सकते हैं। कहीं भी जाएं तब अपने साथ ठंडे पानी की बोतल अवश्य ही रखें व थोड़ी-थोड़ी देर बाद ठंडा पानी पीते रहिए।
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