साहित्य लहर
कविता : आज तू भी कुछ लिख दे यार
राजेश ध्यानी सागर
आज तू भी कुछ
लिख दे यार मेरे लिए।
क्या तेरे पास
कलम नहीं?
दिल है कि
वो भी नहीं।
गिरा दे कलम से
कोंरे कागजों मे
अपनें अरमानों को।
आंसुओ को गिराना
कितना सरल
बना दिया तूने।
इनका क्या है यार
जो गिरते ही
सूख जाते है ,
क्या तुझें
पता नहीं।
सजा दे
कलम केआंसुओं को
जो कभी
सूखते नहीं ,
जब चाहा
गुनगुना लियें
जब चाहा
समेट लिये।
बहुत सबर है
इनमें यार
ये जल्दी से
मिटतें भी नहीं।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »राजेश ध्यानी “सागर”वरिष्ठ पत्रकार, कवि एवं लेखकAddress »144, लूनिया मोहल्ला, देहरादून (उत्तराखण्ड) | सचलभाष एवं व्हाट्सअप : 9837734449Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
---|
👉 देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है। अपने शब्दों में देवभूमि समाचार से संबंधित अपनी टिप्पणी दें एवं 1, 2, 3, 4, 5 स्टार से रैंकिंग करें।
👉 यदि आप चाहें तो देवभूमि समाचार से सोशल मीडिया में भी जुड़ सकते हैं, जिससे संबंधित लिंक नीचे दिये गये हैं।